इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से थोड़ा पहले आएगा
13 मई 2022, नई दिल्ली । इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से थोड़ा पहले आएगा – पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ,भारत सरकार के भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा केरल में दक्षिण -पश्चिम मानसून – 2022 के आरंभ होने की तिथि का पूर्वानुमान किया गया है। इस साल, केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून का आरंभ, मानसून के आरंभ की सामान्य तिथि की तुलना में थोड़ा पहले होने की संभावना है । केरल में मानसून की शुरुआत 27 मई को ± 4 दिनों की मॉडल त्रुटि केसाथ होने की संभावना है, अर्थात मानसून मई के अंतिम सप्ताह तक आ जाएगा।
2022 के दक्षिण-पश्चिम मानसून की स्थिति और अंडमान सागर के ऊपर प्रगति – भारतीय मानसून क्षेत्र में,दक्षिण अंडमान सागर में शुरुआती मानसूनी बारिश का अनुभव होता है और मानसूनी हवाएं बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ती हैं। मानसून की शुरुआत/ प्रगति की सामान्य तिथियों के अनुसार,दक्षिण-पश्चिम मानसून 22 मई तक अंडमान सागर के ऊपर अग्रसर हो जाता है। 15 मई, 2022 के आसपास, बढ़ी हुई क्रॉस इक्वेटोरियल हवा की स्थिति दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में दक्षिण -पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल हो रही है। पिछले आंकड़े बताते हैं कि अंडमान सागर के ऊपर मानसून की प्रगति की तारीख का संबंध केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख के साथ और देश में मौसमी मानसून वर्षा के साथ नहीं होता है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण -पश्चिम मानसून की प्रगति केरल में मानसून की शुरुआत से चिन्हित होती है और यह एक महत्वपूर्ण संकेतक है जो गरम और शुष्क मौसम से वर्षा के मौसम में परिवर्तन को दर्शाता है । जैसे-जैसे मानसून उत्तर की ओर बढ़ता है,क्षेत्रों में चिलचिलाती गर्मी के तापमान से राहत का अनुभव होता है।दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून को लगभग 7 दिनों के मानक विचलन के साथ केरल में आ जाता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग 2005 से केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख के लिए संक्रियात्मक पूर्वानुमान जारी कर रहा है। इसके लिए 4 दिनों की मॉडल त्रुटि के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग किया जाता है। जिसमें 6 पूर्व सूचक उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान,दक्षिण प्रायद्वीप में मानसून पूर्व /प्री-मानसून वर्षा का चरम,दक्षिण चीन सागर के ऊपर बहिर्गामी दीर्घ तरंग विकिरण,दक्षिण-पूर्व हिन्द महासागर पर निचली क्षोभ मंडलीय क्षेत्रीय पवन,पूर्वीय भू मध्यरेखीय हिन्द महासागर के ऊपर ऊपरीक्षोभ मंडलीयक्षेत्रीय पवन , और दक्षिण -पश्चिम – प्रशांत क्षेत्र में बहिर्गामी क्षेत्र दीर्घ तरंग विकिरण से वर्षा का पूर्वानुमान किया जाता है। मौसम विज्ञान विभाग के आईएमडी के संक्रियात्मक पूर्वानुमान 2015 को छोड़कर सही साबित हुए हैं।