सरकार ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ को दी मंजूरी, 2030-31 तक दलहन उत्पादन बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य
03 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: सरकार ने ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ को दी मंजूरी, 2030-31 तक दलहन उत्पादन बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य – दशहरे के ठीक एक दिन पहले, नवरात्रि की पावन बेला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में दो ऐतिहासिक फैसले लिए गए। सरकार ने ‘राष्ट्रीय दलहन मिशन’ को मंजूरी देते हुए इसके लिए वर्ष 2025-26 तक कुल ₹11,440 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इसके साथ ही गेहूं सहित सभी प्रमुख रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की गई है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के किसानों की ओर से आभार जताया। उन्होंने कहा कि ये फैसले देश की खाद्य व पोषण सुरक्षा, किसान कल्याण और कृषि उत्पादन के क्षेत्र में दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।
2030-31 तक 350 लाख टन दलहन उत्पादन का लक्ष्य
सरकार ने देश को दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने, किसानों की आय बढ़ाने और पोषण सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ‘राष्ट्रीय दलहन मिशन’ को मंजूरी दी है। मिशन का उद्देश्य है कि वर्ष 2030-31 तक देश में दलहन उत्पादन को 242 लाख टन से बढ़ाकर 350 लाख टन तक ले जाया जाए।
416 जिलों में लागू होगा विशेष उत्पादन कार्यक्रम
मिशन के अंतर्गत देशभर के 416 जिलों में विशेष उत्पादन और वृद्धि कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसमें खासतौर पर चावल के परती क्षेत्र, उन्नत बीज (प्रजनक, आधार और प्रमाणित), इंटरक्रॉपिंग, सिंचाई, बाजार से जुड़ाव, और तकनीकी सहायता जैसी प्रमुख बातें शामिल होंगी। मिशन के तहत तूर, उड़द और मसूर की 100% खरीद MSP पर की जाएगी, जिससे किसानों को उनकी उपज का पूरा लाभ मिलेगा।
रबी फसलों की MSP में वृद्धि, लागत पर मिलेगा 50% से 109% तक लाभ
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि रबी विपणन मौसम 2026-27 के लिए सभी फसलों की MSP में वृद्धि की गई है। इससे किसानों को उनकी लागत पर 50% से लेकर 109% तक लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह फैसला 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषित उस नीति के अनुरूप है, जिसमें MSP को उत्पादन लागत के न्यूनतम 1.5 गुना निर्धारित करने का प्रावधान किया गया था।
MSP में सर्वाधिक वृद्धि कुसुम्भ के लिए ₹600 प्रति क्विंटल
फसल | MSP (2026-27) | लागत मूल्य | लाभ (%) | पिछला MSP | वृद्धि (₹/क्विंटल) |
गेहूं | ₹2585 | ₹1239 | 109% | ₹2425 | ₹160 |
जौ | ₹2150 | ₹1361 | 58% | ₹1980 | ₹170 |
चना | ₹5875 | ₹3699 | 59% | ₹5650 | ₹225 |
मसूर (लेंटिल) | ₹7000 | ₹3705 | 89% | ₹6700 | ₹300 |
रेपसीड/सरसों | ₹6200 | ₹3210 | 93% | ₹5950 | ₹250 |
कुसुम्भ | ₹6540 | ₹4360 | 50% | ₹5940 | ₹600 |
2014 से अब तक रबी फसलों की MSP में हुई दोगुनी से अधिक वृध्दि
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्ष 2014-15 से 2026-27 तक रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में दोगुनी या उससे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है, जो किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उदाहरण के तौर पर, गेहूं का MSP ₹1400 से बढ़कर ₹2585 हो गया, जौ ₹1100 से ₹2150, चना ₹3100 से ₹5875, मसूर ₹2950 से ₹7000, सरसों ₹3050 से ₹6200 और कुसुम्भ ₹3000 से बढ़कर ₹6540 प्रति क्विंटल पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि मोदी सरकार के कार्यकाल में MSP में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है, जिससे न केवल किसानों की आमदनी में इजाफा हुआ है, बल्कि उनकी खेती के प्रति रुचि भी बढ़ी है। इसके साथ ही देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा को भी नई मजबूती मिली है।
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