राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए मशीनों पर सब्सिडी: जानें पूरी डिटेल

11 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए मशीनों पर सब्सिडी: जानें पूरी डिटेल – आधुनिक कृषि मशीनरी न केवल फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद करती है, बल्कि बीज, उर्वरक और पानी जैसे महंगे संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करती है। इसके साथ ही, यह कृषि कार्यों में लगने वाले श्रम को कम करने में भी सहायक है। हालांकि, विभिन्न राज्यों के किसान इसे अपनी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों, फसल प्रकार, और भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर अपनाते हैं।

कस्टम हायरिंग सेंटर: छोटे और सीमांत किसानों को मशीनीकरण का लाभ पहुंचाने के लिए ‘कस्टम हायरिंग सेंटर’ की व्यवस्था की गई है। ‘कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन’ योजना के तहत किसानों को मशीनों की खरीद पर 40% से 50% तक की सब्सिडी दी जाती है। साथ ही, ग्रामीण उद्यमियों, किसानों की सहकारी समितियों और पंचायतों को कस्टम हायरिंग सेंटर और हाई-टेक हब स्थापित करने के लिए 80% तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

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फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सहायता: पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने और फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए योजना लागू की गई है। इसके तहत किसानों को सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, हैप्पी सीडर, बेलर जैसी मशीनों पर 50% सब्सिडी और इन मशीनों के कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए 80% वित्तीय सहायता उपलब्ध है। इसके अलावा, पराली आपूर्ति श्रृंखला परियोजनाओं के लिए 65% पूंजीगत लागत अनुदान का प्रावधान भी है।

महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ड्रोन योजनामहिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के लिए ड्रोन और उसके सहायक उपकरणों पर 80% तक सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के तहत प्रति ड्रोन अधिकतम 8 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

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उत्तर प्रदेश में कृषि मशीनीकरण का विस्तार

2014-15 से 2024-25 के दौरान, उत्तर प्रदेश में ‘कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन’ के तहत 1,76,722 मशीनें किसानों को सब्सिडी पर दी गईं। साथ ही, 10,769 कस्टम हायरिंग सेंटर और हाई-टेक हब की स्थापना की गई। इसके अतिरिक्त, फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत 70,500 से अधिक मशीनें उपलब्ध कराई गईं और 8,804 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए।

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योजनाओं के तहत मऊ और बलिया जिलों में जारी धनराशि और उपलब्ध कराई गई मशीनों का विवरण इस प्रकार है:

जिलाजारी धनराशि (करोड़)मशीनें (संख्या)कस्टम हायरिंग सेंटर (संख्या)
मऊ4.8824134
बलिया8.6446161


पर्यावरण संरक्षण के प्रयासफसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत पराली को बायोमास बिजली उत्पादन और जैव ईंधन बनाने के लिए उपयोग करने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस पहल के तहत 1.50 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को 65% पूंजी अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से दी।

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