राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

किसान अल्पकालिक फसली ऋण 31 मई 2020 तक चुका सकते हैं

किसानों को सरकार ने दी राहत। अल्पकालिक फसली ऋण 31 मई 2020 तक चुका सकते हैं लॉकडाउन के दौरान किसानों की परेशानी समझते हुए केंद्र सरकार का निर्णय। दंडात्मक ब्याज नहीं लगेगा, 4 प्रतिशत ब्याज दर पर भुगतान कर सकेंगे

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने किसानों द्वारा बैंकों से लिए गए सभी देय अल्पकालिक फसली ऋण जो 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, के लिए पुनर्भुगतान की अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब किसान 31 मई 2020 तक अपने फसल ऋण को बिना किसी दंडात्मक ब्याज के केवल 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं।
भारत सरकार बैंकों के माध्यम से किसानों को रियायती फसल ऋण पर बैंकों को 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज माफी और किसानों को समय पर पुनर्भुगतान पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ प्रदान कर रही है, इस प्रकार समय पर पुनर्भुगतान पर 3 लाख रूपए तक का ऋण 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज पर सरकार किसानों को उपलब्ध करा रही है।

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कोविद-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में कई किसान अपने अल्पकालिक फसली ऋण के बकाया भुगतान के लिए बैंक शाखाओं तक जाने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा, आवाजाही पर प्रतिबंध के चलते कृषि उत्पादों की समय पर बिक्री और उनके भुगतान की प्राप्ति में कठिनाई के कारण किसानों को इस अवधि के दौरान अल्पकालिक फसली ऋणों के पुनर्भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

किसानों को हो रही इस समस्या का समाधान करने के लिए भारत सरकार ने बैंकों को 2 प्रतिशत ब्याज माफी और सभी किसानों को 3 प्रतिशत तत्काल भुगतान प्रोत्साहन का लाभ 31 मई 2020 तक देने का फैसला किया है, जो बैंकों द्वारा दिए गए 3 लाख रूपए तक के सभी फसली ऋणों जो कि 1 मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देय हैं या देय होंगे, पर लागू होगा।

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लघु अवधि के 3 लाख रूपए तक के फसली ऋणों पर ब्याज माफी और तत्काल भुगतान प्रोत्साहन का 31 मई 2020 तक विस्तार किसानों को ऐसे ऋणों को चुकाने में मदद करेगा, जो 31 मई 2020 की विस्तारित अवधि तक देय हैं। अब किसान बिना किसी अर्थदंड के मात्र 4 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर से उनके ऋण को 31 मई 2020 तक चुका सकते हैं।

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