PMFBY: 35 लाख किसानों के खातों में पहुंची फसल बीमा की पहली किस्त, शिवराज सिंह ने जारी किए ₹3,900 करोड़
12 अगस्त 2025, नई दिल्ली: PMFBY: 35 लाख किसानों के खातों में पहुंची फसल बीमा की पहली किस्त, शिवराज सिंह ने जारी किए ₹3,900 करोड़ – किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजस्थान के झुंझूनु से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की पहली किस्त के रूप में 35 लाख किसानों के खातों में ₹3,900 करोड़ की राशि डिजिटल माध्यम से ट्रांसफर की। इस मौके पर केंद्रीय और राज्य स्तर के कई मंत्री, अधिकारी और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे, जबकि लाखों लाभार्थी वर्चुअल रूप से जुड़े।
इस दौरान, शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले फसल बीमा की राशि तभी मिलती थी, जब पूरी तहसील या ब्लॉक की फसल नष्ट होती थी, लेकिन अब एक गांव या एक किसान की फसल खराब होने पर भी मुआवजा मिलेगा।
कृषि में बड़े बदलाव और योजनाओं का लाभ
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार सिर्फ एक योजना से नहीं, बल्कि कई योजनाओं के जरिए किसानों का जीवन सुखद बनाने का काम कर रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक ₹3.75 लाख करोड़ सीधे किसानों के खातों में भेजे गए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 2016 से अब तक ₹2.12 लाख करोड़ का भुगतान किया गया। खाद की सब्सिडी में सरकार ने बड़े स्तर पर किसानों को राहत दी है।
सस्ती खाद की सुविधा
श्री चौहान ने बताया कि 45 किलो यूरिया की बोरी किसानों को ₹266 में मिलती है, जबकि असली कीमत ₹1,633.24 है। बाकी राशि सरकार सब्सिडी में देती है। इसी तरह, 50 किलो DAP की बोरी किसानों को ₹1,350 में उपलब्ध है, जबकि वास्तविक कीमत ₹3,100 है। अब तक ₹14.06 लाख करोड़ सस्ते खाद के लिए फर्टिलाइजर कंपनियों को दिए जा चुके हैं।
MSP और खरीदी में किसानों का लाभ
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसपी तय करते समय किसानों की लागत में 50% लाभ जोड़ा जाता है। सरकार ने मूंग के लिए ₹2,000 प्रति क्विंटल की दर से खरीद का निर्णय लिया है। पीएम आशा योजना के तहत गेहूं और धान की खरीद के लिए किसानों को ₹43.87 लाख करोड़ का भुगतान किया गया है। बाजार हस्तक्षेप योजना (MIP) के तहत किसानों को दूसरे राज्यों में माल बेचने और परिवहन की लागत सरकार द्वारा वहन करने की सुविधा दी गई है।
मंत्री चौहान ने कहा कि नकली खाद और उर्वरकों के खिलाफ कड़ा कानून बनाया जा रहा है। दोषियों को जेल भेजने की तैयारी है।
वैज्ञानिकों की टीम गांव-गांव
मंत्री ने बताया कि फसलों पर वायरस अटैक की स्थिति में यदि किसान फोटो भेजकर जानकारी देंगे, तो वैज्ञानिकों की टीम तुरंत गांव पहुंचेगी।
रबी की फसल के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों को खेती और शोध की सही जानकारी देंगे।
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