राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

10 करोड़ किसानों को नव वर्ष का उपहार

20 हजार करोड़ रुपए जारी, एफपीओ के सदस्य किसानों को 14 करोड़ रुपये की इक्विटी ग्रांट मिली

1 जनवरी 2022, नई दिल्ली।  10 करोड़ किसानों को नव वर्ष का उपहार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने साल के पहले दिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) स्कीम के तहत देश के 10.09 करोड़ किसानों को 20,946 करोड़ रुपए की 10वीं किस्त जारी की, साथ ही किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के सदस्य 1,24486 किसानों को 14 करोड़ रु. से ज्यादा की इक्विटी ग्रांट प्रदान की गई। अभी तक  पीएम-किसान स्कीम में कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किसानों के बैंक खातों में लगभग 1.82 लाख करोड़ रु. दिए जा चुके हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे किसानों के बढ़ते हुए सामथ्र्य को संगठित रूप देने में हमारे एफपीओ की बड़ी भूमिका है। जो छोटा किसान पहले अलग-थलग रहता था, उसके पास अब एफपीओ के रूप में पांच बड़ी शक्तियां हैं।

कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसान हित में पीएम किसान, एक लाख करोड़ रु. के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड सहित अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं का सृजन किया है, जो किसानों का जीवन स्तर बदलते हुए इनकी प्रगति में मील का पत्थर साबित होगी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि एफपीओ के रूप में किसानों के पास पहली शक्ति है- बेहतर बार्गेनिंग यानी मोलभाव की शक्ति, दूसरी शक्ति किसानों को मिली है बड़े स्तर पर व्यापार की। एफपीओ के रूप में किसान संगठित होकर काम करते हैं, लिहाजा उनके लिए संभावनाएं भी बड़ी होती हैं। तीसरी ताकत है- इनोवेशन की। एक साथ कई किसान मिलते हैं तो उनके अनुभव साथ में जुड़ते हैं, जानकारी बढ़ती है। नए-नए इनोवेशंस के लिए रास्ता खुलता है। एफपीओ में चौथी शक्ति है- रिस्क मैनेजमेंट की। एक साथ मिलकर आप चुनौतियों का बेहतर आकलन भी कर सकते हैं, उससे निपटने के रास्ते भी बना सकते हैं। और पांचवीं शक्ति है- बाजार के हिसाब से बदलने की क्षमता। श्री मोदी ने कहा कि हमारी धरती को बंजर होने के बचाने का एक बड़ा तरीका है- केमिकल मुक्त खेती, इसलिए बीते वर्ष में देश ने एक और दूरदर्शी प्रयास शुरू किया है। ये प्रयास है- प्राकृतिक खेती का। देश के किसान का विश्वास देश की सबसे बड़ी ताकत है।

श्री तोमर ने कहा कि देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे किसान हैं, इनका योगदान जरूरी है, जिसके लिए इन्हें संगठित करने हेतु 6865 करोड़ रू. के खर्च से दस हजार नए एफपीओ बनाए जा रहे हैं। गत 16 दिसंबर को आणंद (गुजरात) में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से करोड़ों किसानों के बीच प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती पर बल दिया है।

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कार्यक्रम में उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गेहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री, उप राज्यपाल, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी व सुश्री शोभा करंदलाजे, सांसद-विधायकगण तथा अन्य जनप्रतिनिधि और केंद्र व राज्यों के अधिकारी उपस्थित थे। संचालन कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल ने किया। प्रारंभ में प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान,  उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु व गुजरात के एफपीओ के सदस्यों से संवाद   किया।

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