कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: सोयाबीन कीमत I बीटी कॉटन I बासमती चावल I बीटी कपास I खरीफ फसल I कीटनाशक, बीज
02 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…
1.क्या अक्टूबर 2024 में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आएगी? बाजार के रुझानों पर एक नज़र
भारत के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों में से एक मध्य प्रदेश में सोयाबीन की कटाई का मौसम नजदीक आ रहा है, किसान अक्टूबर 2024 में मंडी की कीमतों को समझने के लिए उत्सुक हैं। 2022 से 2024 तक के ऐतिहासिक डेटा के आधार पर, भविष्य के रुझानों की भविष्यवाणी करना और किसानों को अपनी उपज को बाजार में कब लाना है, इस बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करना संभव है। पूरी खबर पढ़े….
2.एफएसआईआई ने की केंद्रीय कपड़ा मंत्री द्वारा खरपतवारनाशक प्रतिरोधी बीटी कॉटन बीज किस्मों की शीघ्र स्वीकृति की अपील का स्वागत
भारतीय बीज उद्योग महासंघ (FSII) ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह द्वारा हाल ही में हर्बीसाइड टॉलरेंट बीटी कॉटन बीज किस्मों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी लाने के आह्वान का पुरजोर समर्थन किया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कपास और कपड़ा उद्योग को कीटों, मिट्टी के क्षरण और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है पूरी खबर पढ़े….
3.21 वीं पशु संगणना में पूरी तरह ऑनलाइन होगा डाटा कलेक्शन
पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में भारत विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है। पशु संगणना में जहां भारत का विश्व में प्रथम स्थान है, वहीं विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन भी भारत में ही होता है। विश्व के सकल दुग्ध उत्पादन का 25% भारत में होता है। भारत में कृषि उत्पादन में पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र का 30% योगदान है। मध्य प्रदेश किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन) सहित अन्य योजनाओं में भारत में अग्रणी है। अगले माह मध्य प्रदेश सहित पूरे भारत में 21वीं पशु संगणना प्रारंभ होने वाली है। पूरी खबर पढ़े….
4.केआरबीएल लि. ने की इंडिया गेट बासमती चावल की वापसी
दुनिया की सबसे बड़ी बासमती चावल निर्यातक और भारत में प्रमुख सप्लायर, केआरबीएल लि. ने अपने लोकप्रिय उत्पाद इंडिया गेट प्योर बासमती राइस फीस्ट रोज़ाना सुपर वैल्यू पैक (10 प्रतिशत अतिरिक्त) को बाज़ार से एहतियातन वापस मंगाने की घोषणा की है। यह वापसी दो विशिष्ट कीटनाशकों, थायमेथोक्साम और आइसोप्रोथायोलेन, की अनुमति सीमा से अधिक मात्रा में पाए जाने के कारण की जा रही है। पूरी खबर पढ़े….
5.गांधी जयंती पर विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन: बुजुर्गों का सम्मान और सतत विकास पर जोर
महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के उद्देश्य से, पंचायती राज मंत्रालय 2 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के अवसर पर 750 ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन करेगा। इस आयोजन का मकसद बुजुर्गों के योगदान को सम्मानित करना और महिलाओं, युवाओं, तथा समाज के अन्य वर्गों की भागीदारी से समावेशी विकास को बढ़ावा देना है। पूरी खबर पढ़े….
6.किसान संगठनों ने कृषि मंत्री के सामने कीटनाशक और बीज की उपलब्धता पर जताई चिंता
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक सार्थक चर्चा की। मंत्री ने इन संगठनों को साप्ताहिक बैठक करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि कृषि क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों और चिंताओं पर बातचीत की जा सके।बैठक के दौरान, किसान संगठनों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें कृषि लागत को कम करना, फसलों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना, जलभराव से फसलों की सुरक्षा, और कीटनाशक एवं उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता में सुधार शामिल थे। पूरी खबर पढ़े….
7.पंचायती राज मंत्रालय और उन्नत भारत अभियान का नया कदम: युवाओं के साथ मिलकर गांवों के विकास की दिशा में प्रयास
पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) और उन्नत भारत अभियान (UBA) ने ग्रामीण शासन को मजबूत करने और सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है। इस पहल के तहत, देशभर के 15,000 से अधिक छात्र ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (GPDP) को तैयार करने और उन्हें लागू करने में सीधे भागीदारी करेंगे।पूरी खबर पढ़े….
8.किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सख्त कानून पर विचार: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में किसान संगठनों के साथ संवाद किया। इस चर्चा में किसानों ने कृषि से जुड़ी कई महत्वपूर्ण समस्याओं और सुझावों को साझा किया। किसानों ने घटिया बीज और कीटनाशकों की समस्या, कृषि की लागत कम करने, फसलों की सुरक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ हर किसान तक पहुंचाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। पूरी खबर पढ़े….
9.भारत में बीटी कपास का सफर: कृषि पर इसका प्रभाव, मौजूदा स्थिति और भविष्य की राह
बीटी कपास ने भारत के कृषि परिदृश्य में विशेष रूप से कपास की खेती के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। 2002 में शुरू किए गए बीटी कपास ने कीटों, विशेष रूप से बोलवर्म से लड़ने में किसानों को एक प्रभावी समाधान दिया। यह एक ऐसा कीट था जो कपास की खेती में बड़ी समस्या बना हुआ था। हालांकि प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक थे, लेकिन बीटी कपास की यात्रा जटिल रही है, जिसमें सफलताएं और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। पूरी खबर पढ़े….
10.खरीफ फसलों की बुवाई 1108 लाख हेक्टेयर पार धान, श्री अन्न और तिलहन में बड़ा उछाल
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 27 सितंबर 2024 तक खरीफ फसलों का कुल बुआई क्षेत्र 1108.57 लाख हेक्टेयर से अधिक हो चुका है, जो पिछले साल की तुलना में सामान्य से अधिक है। पूरी खबर पढ़े….