राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

जम्मू-कश्मीर को बनाएंगे बागवानी हब, वैश्विक बाजार में पहुंचेगा कश्मीरी सेब: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह

07 जुलाई 2025, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को बनाएंगे बागवानी हब, वैश्विक बाजार में पहुंचेगा कश्मीरी सेब: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह – केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार (4 जुलाई 2025) को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SKUAST-K) के छठे दीक्षांत समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का संकल्प है कि जम्मू-कश्मीर को बागवानी (हॉर्टिकल्चर) का वैश्विक केंद्र बनाया जाए और यहां का प्रसिद्ध कश्मीरी सेब पूरी दुनिया में भेजा जाए।

कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र चौधरी, कृषि मंत्री जावेद अहमद डार और शिक्षा मंत्री सुश्री सकीना मसूद सहित अन्य गणमान्यजन मौजूद थे।

कृषि विद्यार्थी खेती में इनोवेशन करें, स्टार्टअप शुरू करें: शिवराज सिंह

श्री चौहान ने विश्वविद्यालय के 5,250 विद्यार्थियों को स्नातक, परास्नातक एवं पीएचडी की उपाधियां प्रदान कीं। साथ ही 150 स्वर्ण पदक और 445 मेरिट सर्टिफिकेट भी दिए गए। उन्होंने कहा, “दीक्षांत का मतलब शिक्षा का अंत नहीं, बल्कि नई जिम्मेदारियों की शुरुआत है। आप खेती को नवाचार से जोड़ें और नए एग्री स्टार्टअप की ओर बढ़ें। देश को आत्मनिर्भर बनाना है तो खेती-किसानी को स्मार्ट बनाना होगा।”

जम्मू-कश्मीर के बागवानी को मिलेगा नया आयाम

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के फल, फूल और सब्जियों की गुणवत्ता, उत्पादन और वैश्विक ब्रांडिंग को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में “एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के तहत ‘क्लीन प्लांट सेंटर’ की स्थापना का फैसला लिया गया है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले फलों के निर्यात में मदद मिलेगी।”

उत्पादन और किसानों की आमदनी बढ़ाने का रोडमैप

श्री चौहान ने बताया कि देश में पिछले 11 वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में 44% वृद्धि हुई है। चावल, गेहूं, मक्का, सोयाबीन और मूंगफली सहित कई फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि खेती अब केवल परंपरा नहीं, बल्कि आर्थिक ताकत बन रही है। उन्होंने किसानों से खेती में नवाचार, विविधिकरण और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने का आह्वान किया। “हमारा संकल्प है – उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, उचित दाम दिलाना, प्राकृतिक आपदा में मुआवजा देना और भावी पीढ़ी के लिए धरती बचाना।”

युवाओं से की बड़ी अपील

केंद्रीय मंत्री ने विद्यार्थियों से कहा – “आपके अंदर असीम संभावनाएं हैं। केवल सैद्धांतिक ज्ञान नहीं, व्यावहारिक प्रयोगों की ओर भी कदम बढ़ाएं। भारत को फूड बास्केट बनाना है, तो युवाओं को कृषि क्षेत्र में नेतृत्व करना होगा।”

आखिरी में, श्री चौहान ने कश्मीर में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि, “यहां की मिट्टी की खुशबू, डल झील का सौंदर्य और लोगों का प्रेम दिल को छू गया। यहां के फल, फूल और स्वाद वैश्विक मानकों के अनुरूप हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कश्मीर का सेब और गुलाब दुनिया के हर कोने तक पहुंचे।”

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