इन – स्पेस ने कृषि में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर लघु अवधि कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू किया
29 जुलाई 2025, नोएडा: इन – स्पेस ने कृषि में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर लघु अवधि कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू किया – भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र इन – स्पेस (IN-SPACe) ने इसरो, एनसीवीईटी और एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा, उत्तर प्रदेश के सहयोग से गत दिनों को ‘कृषि क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की अनिवार्यताएं ‘ शीर्षक से एक अल्पकालिक कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू किया है। जिसका उद्देश्य गैर-सरकारी संस्थाओं और शिक्षाविदों को कृषि में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों से परिचित कराना है। मुख्य अतिथि पूर्व सांसद श्री राजेंद्र अग्रवाल ने एमिटी विश्वविद्यालय में इस पाठ्यक्रम का उद्घाटन किया। इन – स्पेस के प्रचार निदेशालय के निदेशक डॉ. विनोद कुमार भी उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे।
डॉ. कुमार ने आधुनिक कृषि के लिए उपग्रह-आधारित उपकरणों के बारे में जागरूकता पैदा करने में ऐसे शैक्षणिक-उद्योग सहयोग की प्रासंगिकता पर बात की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम प्रतिभागियों को इस बात की बुनियादी समझ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि अंतरिक्ष-आधारित अनुप्रयोग खेती में कैसे सहायक हो सकते हैं। डॉ. विनोद ने कहा, “भारत की कृषि क्षमताओं और लचीलेपन को मज़बूत करने में अंतरिक्ष अनुप्रयोगों की भूमिका बढ़ती जा रही है। इन अनुप्रयोगों और भू-स्थानिक आंकड़ों की मदद से, किसान फसल स्वास्थ्य की निगरानी कर सकते हैं, उर्वरकों और सिंचाई के उपयोग को अनुकूलित कर सकते हैं, कीटों का शीघ्र पता लगा सकते हैं, जीपीएस -निर्देशित मशीनरी का उपयोग करके खेतों का सटीक प्रबंधन कर सकते हैं, मौसम संबंधी जोखिमों और प्राकृतिक आपदाओं का बेहतर ढंग से सामना कर सकते हैं, और समग्र कृषि उत्पादकता और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार कर सकते हैं। इन शैक्षणिक सहयोगों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य जागरूकता पैदा करना, तकनीकी जानकारी साझा करना और ऐसे पेशेवरों का एक समूह तैयार करना है जो वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए अंतरिक्ष-आधारित उपकरणों का उपयोग कर सकें। ये पाठ्यक्रम ज्ञान के अंतराल को पाटने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में शिक्षाविदों और युवा पेशेवरों की गहन भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।”
यह पाठ्यक्रम इन – स्पेस के व्यापक मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य क्षमता निर्माण और क्षेत्र-व्यापी भागीदारी को बढ़ावा देना और रोजमर्रा की आर्थिक गतिविधियों में अंतरिक्ष अनुप्रयोगों की भूमिका का विस्तार करना है। 27 जुलाई से 1 अगस्त, 2025 तक चलने वाला यह सप्ताह भर चलने वाला पाठ्यक्रम सुदूर संवेदन और उपग्रह डेटा विश्लेषण से लेकर फसल निगरानी और संसाधन प्रबंधन में उनके प्रत्यक्ष अनुप्रयोग तक, विभिन्न विषयों को कवर करेगा।
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