राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

गुजरात बना देश का पहला राज्य, 25 प्रतिशत किसानों के लिए बनाई किसान आईडी

07 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: गुजरात बना देश का पहला राज्य, 25 प्रतिशत किसानों के लिए बनाई किसान आईडी –  भारत सरकार के डिजिटल कृषि मिशन के तहत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के निर्माण की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। इस मिशन के अंतर्गत किसानों के लिए डिजिटल पहचान यानी किसान आईडी बनाने की प्रक्रिया में गुजरात राज्य ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 5 दिसंबर 2024 तक गुजरात ने राज्य के कुल किसानों के 25 प्रतिशत के लिए किसान आईडी तैयार कर दी है, और इस प्रकार यह देश का पहला राज्य बन गया है जहां इतने बड़े पैमाने पर किसान आईडी तैयार की गई है।

किसान आईडी का महत्व और उद्देश्य

किसान आईडी, आधार कार्ड पर आधारित एक अनूठी डिजिटल पहचान है, जो राज्य की भूमि रिकॉर्ड प्रणाली से सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है। इसका मतलब यह है कि जैसे ही किसान के भूमि रिकॉर्ड में बदलाव होता है, किसान आईडी स्वतः अपडेट हो जाती है। किसान आईडी का उद्देश्य किसानों को कई लाभ देना है, जिनमें मुख्य हैं:

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  • सरकारी योजनाओं तक आसान और निर्बाध पहुंच
  • कागज रहित और संपर्क रहित फसल ऋण का एक घंटा में संसाधित होना
  • व्यक्तिगत कृषि विस्तार सेवाओं का लाभ
  • प्रत्यक्ष और पारदर्शी लाभ हस्तांतरण
  • बाजार संपर्क का विस्तार और बेहतर वित्तीय समावेशन

इसके अलावा, किसान आईडी डिजिटल पहचान, कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि और सूचित नीति निर्माण में मदद करेगी, जिससे कृषि सेवा वितरण को और बेहतर बनाया जा सके और किसानों की आय में वृद्धि हो सके।

किसान आईडी निर्माण के लिए रणनीतियाँ

किसान आईडी निर्माण के लिए कई मोड (तरीके) उपलब्ध हैं, जिनमें सेल्फ मोड (जहां किसान मोबाइल के जरिए खुद से पंजीकरण कर सकते हैं), सहायक मोड (जहां प्रशिक्षित कार्यकर्ता किसानों की मदद करते हैं), कैंप मोड (जहां पंजीकरण शिविर आयोजित किए जाते हैं), और सीएससी मोड (सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण) शामिल हैं।

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केंद्र सरकार कृषि के लिए डीपीआई और पूंजीगत परियोजनाओं के लिए विशेष केंद्रीय सहायता प्रदान कर रही है, जिससे राज्यों और केंद्र सरकार के बीच एक सहयोगी प्रयास को बढ़ावा मिल रहा है। इस मिशन के तहत, केंद्र राज्य सरकारों को तकनीकी दिशा-निर्देश, संदर्भ अनुप्रयोग, और प्रशिक्षण प्रदान कर रही है, ताकि वे इस पहल में और अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकें।

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गुजरात के अलावा अन्य राज्य भी किसान आईडी निर्माण में प्रगति कर रहे हैं। मध्य प्रदेश ने कम समय में 9 प्रतिशत किसानों के लिए किसान आईडी तैयार की है, जबकि महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 2 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा, और राजस्थान जैसे राज्यों में भी इस प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है।

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