किसान ऑफ़ इंडिया सम्मान 2025: नवाचार, टिकाऊ खेती और नए दौर की कृषि को मिला मंच
05 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: किसान ऑफ़ इंडिया सम्मान 2025: नवाचार, टिकाऊ खेती और नए दौर की कृषि को मिला मंच – राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किसान ऑफ़ इंडिया सम्मान 2025 के पहले संस्करण में देशभर के प्रगतिशील किसानों, कृषि नवाचारों और नई तकनीकों को एक साझा मंच मिला। कार्यक्रम में टिकाऊ खेती, आधुनिक तकनीक और ग्रामीण उद्यमिता के प्रभावी उदाहरण सामने आए।
जोधपुर, राजस्थान के उद्यमी अमित सोनी ने साझा किया कि किस तरह उनके मिलेट-आधारित बेकरी उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। उनका बाजरे का चॉकलेट ट्रफल केक संसद में कटा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सराहा गया।
वर्मीकम्पोस्टिंग को लेकर लोकप्रिय हुई सना खान, जिनकी पहल का उल्लेख प्रधानमंत्री ने मन की बात में किया था, ने युवाओं से कृषि अपनाने और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने का आग्रह किया।
जयपुर के प्रगतिशील किसान खेमा राम चौधरी, जिन्होंने सूखी भूमि पर हाइड्रोपोनिक NFT सिस्टम और पॉलीहाउस खेती को अपनाया है, सात सम्मानित किसानों में से एक थे।
डॉ. मांगी लाल जाट, सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (DARE) और महानिदेशक, ICAR, ने वीडियो संदेश में कहा कि ये किसान भारत की कृषि के लिए नए मार्गदर्शक बन रहे हैं।
डॉ. राजर्षि रॉय बर्मन, अतिरिक्त महानिदेशक (कृषि प्रसार), ICAR ने पुरस्कार प्रदान किए और कहा कि “किसान सबसे बड़ा शोधकर्ता है, जो हर दिन मिट्टी पर प्रयोग करता है।”
कार्यक्रम में अभिनेता-किसान राजेश कुमार ने भी भाग लिया और खेती से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।
उद्घाटन सत्र में अनिल धस्माना, पूर्व सचिव, R&AW और पूर्व अध्यक्ष, NTRO, ने कहा कि दूरदराज़ के किसानों को नई तकनीकों से जोड़ने की आवश्यकता है।
विनोद मिश्रा, कंट्री मैनेजर, UNOPS, ने कहा कि “मिलेट खेती भारत में अगली बड़ी कृषि क्रांति बन सकती है।”
किसान ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित यह पुरस्कार समारोह सात श्रेणियों — जैविक/प्राकृतिक खेती, संरक्षित खेती, फूड प्रोसेसिंग, कृषि स्टार्ट-अप, डेयरी, मत्स्य पालन और नई कृषि तकनीक — में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को सम्मानित करता है।
जूरी में कृषि और मीडिया क्षेत्र के वरिष्ठ विशेषज्ञ शामिल थे — पद्मश्री किसान सेठपाल सिंह, डॉ. शैलेन्द्र राजन, प्रो. ए. पी. राव और पत्रप्रवर्तक प्रताप सोमवंशी।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं की भूमिका, एग्री-टेक स्टार्टअप्स और क्लाइमेट-स्मार्ट एग्रीकल्चर पर विशेष पैनल चर्चाएँ भी आयोजित हुईं।
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