किसानों को मिला राष्ट्रीय सम्मान: आंध्र की मिर्ची बनी देश की शान, ODOP अवॉर्ड में इन जिलों ने मारी बाजी
17 जुलाई 2025, नई दिल्ली: किसानों को मिला राष्ट्रीय सम्मान: आंध्र की मिर्ची बनी देश की शान, ODOP अवॉर्ड में इन जिलों ने मारी बाजी – देशभर के किसानों के लिए गर्व का पल आया है। केंद्र सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP) योजना के तहत राष्ट्रीय पुरस्कार 2024 की घोषणा हो चुकी है। इस बार कृषि उत्पाद श्रेणी में कई जिलों के किसानों को उनकी मेहनत का बड़ा सम्मान मिला है। आंध्र प्रदेश की मशहूर गुन्टूर मिर्च को सर्वोच्च स्वर्ण पुरस्कार (गोल्ड अवॉर्ड) से नवाजा गया है। वहीं महाराष्ट्र के रत्नागिरी का अल्फांसो आम, नागपुर का संतरा और जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का केसर समेत कई जिलों को सम्मान मिला है।
किसानों के स्थानीय उत्पादों को मिला राष्ट्रीय सम्मान
नई दिल्ली में हुए कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इन पुरस्कारों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसानों की स्थानीय उपज को ब्रांडिंग और वैश्विक पहचान देने के लिए यह पहल शुरू की गई है। खास बात यह है कि देश के अलग-अलग जिलों के अनोखे कृषि उत्पादों को न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पहचान दी जा रही है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने में मदद मिलेगी।
जानिए किन जिलों को मिला कौन सा पुरस्कार?
रैंक | जिला | राज्य/केंद्र शासित प्रदेश | उत्पाद | पुरस्कार |
1 | गुन्टूर | आंध्र प्रदेश | मिर्च | स्वर्ण (Gold) |
1 | रत्नागिरी | महाराष्ट्र | अल्फांसो आम | स्वर्ण (Gold) |
2 | नागपुर | महाराष्ट्र | संतरा | रजत (Silver) |
2 | पुलवामा | जम्मू-कश्मीर | केसर | रजत (Silver) |
3 | सिद्धार्थनगर | उत्तर प्रदेश | काला नमक चावल | कांस्य (Bronze) |
3 | अमरावती | महाराष्ट्र | मंदारिन संतरा | कांस्य (Bronze) |
3 | श्रीकाकुलम | आंध्र प्रदेश | काजू | कांस्य (Bronze) |
विशेष उल्लेख | नलबाड़ी | असम | चावल और चावल उत्पाद | विशेष पुरस्कार |
विशेष उल्लेख | वायनाड | केरल | कॉफी | विशेष पुरस्कार |
विशेष उल्लेख | नासिक | महाराष्ट्र | अंगूर/किशमिश | विशेष पुरस्कार |
किसानों के लिए क्या है फायदा?
- किसानों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान मिलेगी।
- ODOP योजना के तहत स्थानीय फसलों और उत्पादों को ब्रांडिंग और मार्केटिंग का समर्थन।
- पैकेजिंग, गुणवत्ता और निर्यात में मिलेगा सरकारी सहयोग।
- छोटे किसानों को भी अपने उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंचाने का अवसर।
केंद्र सरकार का कहना है कि इस योजना से ‘लोकल को ग्लोबल’ बनाने का सपना साकार हो रहा है। सरकार का फोकस है कि हर जिले की खासियत को सामने लाया जाए और किसानों की मेहनत को उचित पहचान दिलाई जाए।
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