राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

आधुनिक तकनीक से सशक्त किसान: एआई और ड्रोन से बढ़ी उत्पादकता, लोकसभा में सरकार ने गिनाईं पहलें 

18 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: आधुनिक तकनीक से सशक्त किसान: एआई और ड्रोन से बढ़ी उत्पादकता, लोकसभा में सरकार ने गिनाईं पहलें – कृषि एवं किसान कल्याण विभाग देशभर में कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), ड्रोन तकनीक, सटीक खेती और जलवायु-स्मार्ट कृषि को लगातार बढ़ावा दे रहा है। इन तकनीकों का उद्देश्य फसल उत्पादकता बढ़ाना, खेती को टिकाऊ बनाना और किसानों की आय में सुधार करना है। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री  रामनाथ ठाकुर ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।

Advertisement1
Advertisement

‘किसान ई-मित्र’ से मिल रहा त्वरित समाधान

सरकार ने किसानों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए ‘किसान ई-मित्र’ नामक ध्वनि-आधारित एआई चैटबॉट विकसित किया है। यह चैटबॉट- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड  से जुड़े सवालों का जवाब देता है। यह 11 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है और प्रतिदिन 8,000 से अधिक किसानों के प्रश्नों का समाधान करता है। अब तक इसके माध्यम से 93 लाख से अधिक प्रश्नों के उत्तर दिए जा चुके हैं।

एआई से कीट प्रकोप पर नियंत्रण

जलवायु परिवर्तन से बढ़ते फसल नुकसान को रोकने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली एआई और मशीन लर्निंग के माध्यम से- फसलों पर कीटों की पहचान, समय रहते नियंत्रण उपाय, फसल नुकसान में कमी सुनिश्चित करती है। वर्तमान में 10,000 से अधिक कृषि कार्यकर्ता इस प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं। यह तकनीक 66 फसलों और 432 से अधिक कीटों को कवर करती है, जिससे किसान कीटों की तस्वीर लेकर तुरंत सलाह प्राप्त कर सकते हैं।

एआई आधारित मानसून पूर्वानुमान से बदले खेती के फैसले

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और डेवलपमेंट इनोवेशन लैब (DIL) के सहयोग से खरीफ 2025 के लिए 13 राज्यों में एआई आधारित स्थानीय मानसून पूर्वानुमान का पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया।

Advertisement8
Advertisement


इसके तहत एम-किसान पोर्टल के माध्यम से 3.88 करोड़ से अधिक किसानों को 5 क्षेत्रीय भाषाओं में एसएमएस भेजे गए।

मध्य प्रदेश और बिहार में किए गए सर्वेक्षण में यह सामने आया कि 31 से 52 प्रतिशत किसानों ने एआई आधारित मौसम पूर्वानुमान की जानकारी के आधार पर भूमि की तैयारी, बुवाई का समय, फसल चयन और कृषि इनपुट के उपयोग से जुड़े अपने निर्णयों में बदलाव किया, जिससे खेती अधिक प्रभावी और परिणामकारी बनी।

वहीं, कृषि यंत्रीकरण उप-मिशन (SMAM) के तहत सरकार द्वारा लघु, सीमांत और महिला किसानों को ड्रोन तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत किसानों को ड्रोन खरीद पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी (अधिकतम 5 लाख रुपये) प्रदान की जाती है। इसके साथ ही, कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) स्थापित करने के लिए भी वित्तीय सहायता दी जा रही है, ताकि छोटे और संसाधन-विहीन किसान किराए पर ड्रोन सहित आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग कर सकें। वर्ष 2023-24 से 2025-26 (30 नवंबर 2025 तक) कुल 2122 ड्रोन किसानों और सीएचसी को स्वीकृत किए गए हैं।

Advertisement8
Advertisement

‘नमो ड्रोन दीदी’ से महिला सशक्तिकरण

सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना को मंजूरी दी है। वर्ष 2023-24 में उर्वरक कंपनियों ने 1094 ड्रोन वितरित किए। इनमें से 500 ड्रोन नमो ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत दिए गए।
बेंगलुरु स्थित एडीआरटीसी द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया कि ड्रोन मिलने के बाद महिलाओं की कार्यक्षमता बढ़ी, आय के नए अवसर बने, आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाया गया।

 
आईसीएआर द्वारा बड़े पैमाने पर ड्रोन प्रदर्शन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने 41,010 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों के खेतों पर ड्रोन प्रदर्शन आयोजित किए, जिससे 4.52 लाख से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिला।

खेती में तकनीकी बदलाव की दिशा

सरकार का कहना है कि एआई और ड्रोन तकनीक के माध्यम से खेती को अधिक वैज्ञानिक, लाभकारी और भविष्य के लिए तैयार बनाया जा रहा है, जिससे किसान बदलती जलवायु और बाजार की चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकें।

Advertisements
Advertisement3
Advertisement

आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture

Advertisements
Advertisement5
Advertisement