राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

घटिया उर्वरक व खाद कालाबाजारी पर केंद्र का बड़ा एक्शन, 5,371 कंपनियों के लाइसेंस रद्द, 446 FIR दर्ज  

10 दिसंबर 2025, नई दिल्ली: घटिया उर्वरक व खाद कालाबाजारी पर केंद्र का बड़ा एक्शन, 5,371 कंपनियों के लाइसेंस रद्द, 446 FIR दर्ज – केंद्र सरकार ने खाद उद्योग में चल रही अनियमितताओं के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए बताया कि 5,371 उर्वरक कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। यह कार्रवाई मुख्य रूप से कालाबाजारी, जमाखोरी, घटिया गुणवत्ता वाली खाद और डायवर्जन के मामलों में की गई।

नड्डा ने यह जानकारी बीजेपी सांसद किरण चौधरी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के पास जमाखोरी और अन्य अनियमितताओं पर कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है, जबकि केंद्र सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत खाद के डायवर्जन, जमाखोरी और अतिरिक्त कीमत वसूलने जैसी गड़बड़ियों पर कार्रवाई करती है।

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कालाबाजारी और जमाखोरी पर कार्रवाई

कालाबाजारी के मामलों में 5,058 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। इन मामलों में 3,732 कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए और 442 FIR दर्ज की गईं। जमाखोरी के मामलों में 687 नोटिस भेजे गए, 202 लाइसेंस रद्द किए गए और 446 FIR दर्ज की गईं।

मंत्री नड्डा ने कहा कि किसानों को खाद समय पर उपलब्ध कराया गया है, लेकिन डीलर जमाखोरी कर रहे हैं, जिसे रोकना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई किसान अपनी क्षमता से अधिक खाद उठा लेता है (जैसे 10 बोरी के बजाय 50 बोरी), तो इस पर नियंत्रण की जरूरत है और राज्य सरकारों को केंद्र का सहयोग प्राप्त होगा।

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घटिया गुणवत्ता की खाद और डायवर्जन

घटिया गुणवत्ता की खाद के वितरण के मामलों में 3,811 कारण बताओ नोटिस भेजे गए। इन मामलों में 1,437 लाइसेंस रद्द किए गए और 65 FIR दर्ज की गईं। डायवर्जन के मामलों में 3,058 नोटिस जारी किए गए, 464 लाइसेंस रद्द किए गए और 96 FIR दर्ज की गईं।

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कुल मिलाकर, पिछले सात महीनों में 12,814 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, 5,835 लाइसेंस रद्द किए गए और 649 FIR दर्ज की गईं। इनमें से 442 FIR कालाबाजारी के मामलों में दर्ज की गई हैं।

किसानों की सुरक्षा और भविष्य की योजना

बीजेपी सांसद किरण चौधरी ने सवाल उठाया कि कुछ वितरण कंपनियां किसानों को अतिरिक्त उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर कर रही हैं, जिससे वे आर्थिक संकट में फंस जाते हैं। इस पर नड्डा ने कहा कि मंत्रालय इस मुद्दे पर डीलरों और कंपनियों के साथ चर्चा करेगा ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।

नड्डा ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार सभी राज्यों को उर्वरक की समय पर सप्लाई कर रही है और इसका रीयल-टाइम मॉनिटरिंग इंटीग्रेटेड फर्टिलाइजर मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए किया जा रहा है।

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