राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषि वैज्ञानिक छोटे किसानों के हित में काम  करें: केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह

24 जून 2024, नई दिल्ली: कृषि वैज्ञानिक छोटे किसानों के हित में काम  करें: केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के पूर्व छात्र सम्मेलन और राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से अपील की कि वे छोटे और सीमांत किसानों के हित में कार्य करें और भारतीय कृषि में क्रांति लाएं।

भारतीय कृषि में छोटे किसानों की भूमिका

श्री चौहान ने कहा कि हमारे देश में लगभग 86% किसान छोटे और सीमांत हैं। हमें ऐसा कृषि मॉडल बनाना होगा जिससे किसान एक हेक्टेयर तक की खेती में भी अपनी आजीविका को सुचारू रूप से चला सकें। उन्होंने भारत को दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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श्री चौहान ने कहा, “हमें ऐसा रोडमैप बनाना होगा, जिससे भारतीय कृषि और किसानों का कल्याण हो सके और हम भारत को दुनिया का फूड बास्केट बना सकें। हमें दुनिया को अन्न खिलाने और निर्यात करने के लिए तैयार होना चाहिए।” उन्होंने उन्नत तकनीकी को अपनाने और किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि कृषि के परिदृश्य को पूरी तरह बदलना उनकी जिद है और वे किसान और विज्ञान को जोड़ना चाहते हैं। “हमें किसानों को विज्ञान से जोड़ना है और इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं,” इस महत्वपूर्ण बैठक में डॉ. आर.एस. परोदा, पूर्व महानिदेशक ICAR, डॉ. रमेशचंद, सदस्य नीति आयोग और डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव DARE और महानिदेशक ICAR ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। IARI के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह और DDG डॉ. आर.सी. अग्रवाल भी उपस्थित थे।

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भविष्य की दिशा

डॉ. परोदा ने भारतीय कृषि को नवाचार और वैज्ञानिक अनुसंधान की सहायता से उन्नत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें किसानों के साथ मिलकर नई तकनीकों का परीक्षण और कार्यान्वयन करना होगा, जिससे उनकी पैदावार और आय में वृद्धि हो।”

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डॉ. रमेशचंद ने कहा कि नीति निर्माण में किसानों की वास्तविक समस्याओं को समझना और उनका समाधान ढूंढना अनिवार्य है। “हमें कृषि नीतियों को छोटे और सीमांत किसानों के अनुकूल बनाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे नवीनतम तकनीकों और संसाधनों का उपयोग कर सकें,” उन्होंने कहा।

डॉ. हिमांशु पाठक ने कृषि क्षेत्र में उन्नति के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। “सरकार, वैज्ञानिक समुदाय और किसानों के बीच सहयोग से ही हम भारतीय कृषि को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं,” उन्होंने कहा।

सम्मेलन के दौरान, यह निष्कर्ष निकाला गया कि किसानों की आय को बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। प्रतिभागियों ने भारतीय कृषि में नवाचार और शोध को बढ़ावा देने के लिए अपने सहयोग का आश्वासन दिया।

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