आरएमपीसीएल का वितरक – विक्रेता सम्मेलन सम्पन्न
10 जून 2024, इंदौर: आरएमपीसीएल का वितरक – विक्रेता सम्मेलन सम्पन्न – देश की प्रसिद्ध कम्पनी आर. एम. फास्फेट्स एन्ड केमिकल्स प्रा.लि.(आरएमपीसीएल) द्वारा गत दिनों इंदौर में मालवा क्षेत्र के इंदौर, धार, देवास और उज्जैन जिलों का वितरक -विक्रेता सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें कम्पनी के एमडी श्री विनीत जैन, मार्केटिंग हेड (नार्थ इंडिया ) श्री सुरेश चौहान ,हेड एग्रोनॉमिस्ट श्री प्रमोद पांडेय ,वित्तीय प्रमुख श्री बलविंदर सिंह, संचालकद्वय श्रीमती साक्षी जैन, श्री नंदकिशोर जैन, रीजनल मैनेजर श्री विवेक पांडेय सहित बड़ी संख्या में वितरक एवं विक्रेतागण उपस्थित थे।
श्री जैन ने कम्पनी की अब तक की विकास यात्रा का उल्लेख कर इसमें सबका सहयोग मिलने पर आभार प्रकट कर पुनः आश्वस्त किया कि आरएमपीसीएल अपने उत्पादों की गुणवत्ता में कोई भी समझौता नहीं करेगी। हमारे उत्पाद गुणवत्ता का दूसरा नाम है, जिनका किसी भी निजी लैब में परीक्षण कराया जा सकता है।आपने कहा कि यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि महावीरा ज़िरोन महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के साथ ही अब भारत का नंबर वन उत्पाद बन गया है। आपने घोषणा की कि जल्द ही अतिरिक्त विशेषताओं के साथ नए उत्पाद ज़िरोन पॉवर प्लस का वितरण भी जल्द शुरू किया जाएगा। यह उत्पाद तीन साल के अनुसंधान के बाद सामने आया है। आपने कम्पनी के पशुओं के उत्पाद न्यूट्री हर्ड की प्रशंसा कर कहा कि इससे दूध की गुणवत्ता में बहुत अंतर आता है।
श्री चौहान ने कहा कि हमारे देश में विश्व की 11 % कृषि भूमि है, इसके बावजूद उत्पादकता कम है। हमारे यहां गेहूं का औसत उत्पादन 20 -22 क्विंटल /एकड़ है ,जबकि न्यूजीलैंड में यह 48 क्विंटल /एकड़ है। इसी तरह चीन में चावल का उत्पादन 45 क्विंटल /एकड़ है , वहीं हमारे यहां 20 -22 क्विंटल / एकड़ है। इसका कारण फसलों को आवश्यक पोषक तत्वों का नहीं मिलना है। हमारी कम्पनी के उत्पाद फसल की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। आपने बताया कि वर्ष 2023 -24 में महावीरा ज़िरोन की 4 लाख टन की बिक्री हुई है। जल में घुलनशील इस उर्वरक का स्प्रे और ड्रिप दोनों से उपयोग किया जा सकता है। आपने पोटेशियम प्रोडक्ट पर भी प्रकाश डाला।
श्री पांडेय ने मुख्य और सूक्ष्म पोषक तत्वों की महत्ता बताते हुए कहा कि संतुलित उर्वरक देने से 15 -20 % उत्पादन बढ़ जाता है। आपने मालवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सोयाबीन बोई जाती है , लेकिन यहां के किसान आलू की उपज लेने के बाद सोयाबीन में उर्वरक नहीं डालते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर कम्पनी द्वारा सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में डोर टू डोर अभियान चला कर किसानों को उर्वरक डालने की समझाईश दी जाएगी। इसके लिए विभिन्न माध्यमों से प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। 5 से 10 टन उर्वरक का आर्डर देने वालों के लिए डिलेवरी वैन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है ,जो 24 घंटे में उर्वरक की आपूर्ति करेगी। अंत में, सर्वाधिक बिक्री करने वितरक /विक्रेताओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री शलभ अग्रवाल ने किया। आभार श्री गौरव परमार ने माना।