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नकली उत्पादों से जंग का सही तरीका

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  • गगन पाल, वाइस प्रेसिडेंट, होंडा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड

30 अप्रैल 2021, भोपाल । नकली उत्पादों से जंग का सही तरीका – किसी प्रतिष्ठित ब्रांड के नाम और उसकी क्वालिटी एश्योरेंस का इस्तेमाल करते हुए जाली व नकली उत्पाद एक एक्सेसरीज को बनाना, ग्राहकों को बेचना और डिस्ट्रीब्यूट करना जालसाजी कहलाता है। इन कम गुणवत्ता वाले नकली सामान से ग्राहकों की सुरघा को बड़ा खतरा रहता है और ये पर्यावरण के लिए भी हानिकारक होते हैं। इस डिजिटल युग में जाली उत्पादों का यह खतरा तेजी से बढ़ा है और जालसाजों के लिए इन कम गुणवत्ता वाले उत्पादों को बड़े पैमाने पर बेचना पहले से बहुत आसान हो गया है। इनके असर और दुष्प्रभावों को पूरी दुनिया में अनुीाव किया जा रहा है। इन जाली उत्पादों से सबसे ज्यादा नुकसान का सामना असली ब्रांड, बड़े उद्योग, धोखा खाए ग्राहकों और साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था को करना पड़ रहा है।

भारत में इन जाली उत्पादों से निपटने एवं असली ब्रांड की हिफाजत के लिए नियम एवं कानून हैं। जालसाजी के खिलाफ ज्यादादर प्रावधान बौद्धिक संपदा (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) कानून के दायरे में आते हैं। आईपी नियमन जैसे कॉपीराइट कानून, 1957 किसी को भी किसी अन्य द्वारा कॉपीराइट की हुई संपत्ति की नकल करने से रोकता है और अधिकारियों को नकली सामान जब्त करने का अधिकार देता है। ट्रेडमार्क कानून 1999 किसी ब्रांड के ट्रेडमार्क की रक्षा करता है और ट्रेडमार्क की नकल परी दंड का प्रावधान करता है। डिजाइन एक्ट 2000, द कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986, द कस्टम्स एक्ट 1962, द पेटेंट्स एक्ट 1970 भी कुछ अन्य आईपी नियमन हैं, जो जाली उत्पादों से निपटने में मदद करते हैं। डिजिटल दुनिया में ऑनलाइन जाली उत्पादों का भी खेल बढ़ा है और आईटी एक्ट 2000 इनसे निपटने में मदद करता है।

हालांकि जाली उत्पादों के खिलाफ इतनी व्यवस्थाओं के बाद भी ऑथेंटिकेशन सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (एएसपीए) की रिपोर्ट में सामने आया है कि जाली उत्पादों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को अनुमानित तौर पर सालाना एक लाख करोड़ रुपये (13 अरब डॉलर) का नुकसान होता है और 2018 की तुलना में 2019 में ऐसे मामलों की 24 प्रतिशत का उछाल आया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौजूदा कोविड संकट में फरवरी से अप्रैल, 2020 में नकली पीपीई किट, सैनिटाइजर और मास्क के 150 से ज्यादा मामले सामने आए।

इस बात को ध्यान में रखते हुए कि इनका सबसे ज्यादा नुकसान ग्राहकों को हो रहा है, कई सेक्टर के ब्रांड लोगों को इन नकली उत्पादों से बचाने के लिए सामने आए हैं। यह जानने के लिए कि आप असली सामान खरीद रहे हैं, आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

उत्पाद की विशिष्ट पहचान पर ध्यान दीजिए

हर उद्योग और ब्रांड के कुछ विशेष ट्रेडमार्क और डिजाइन होते हैं, जो उन्हें दूसरों से अलग करते हैं और एक विशिष्ट पहचान देते हैं। ग्राहकों को इनके बारे में जागरूक करने से उन्हें असली और नकली का भेद करने में मदद मिल सकती है। उदाहरण के तौर पर, पावर प्रोडक्ट्स इंडस्ट्री में होंडा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स (एचआईपीपी) जैसा ब्रांड अपने हर प्रोडक्ट पर ब्रांड क्वालिटी एश्योरेंस के लिए 3डी होंडा लोगो लगाता है, जिसे ‘ट्रस्ट-ओ-ग्रामÓ नाम दिया है। ग्राहक इस होलोग्राम को देखकर असली उत्पाद की पहचान कर सकते हैं। इसके अलावा एचआईपीपी देशभर में संचालित हो रहे अपने अधिकृत डीलर नेटवर्क से ही उत्पाद खरीदने का सुझाव भी ग्राहकों को देता है।

खरीदारी करते समय ग्राहकों को नीचे लिखी कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए, जिससे उन्हें उस प्रोडक्ट या माध्यम की वैधानिकता जांचने में मदद मिल सकती है।

1) अविश्वसनीय रूप से कम कीमत मतलब बड़े खतरे की घंटी – ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किसी प्रतिष्ठित ब्रांड का उत्पाद बहुत सस्ते में पाना काफी लुभावना हो सकता है, लेकिन यह सपना जल्द ही दुस्वप्न में भी बदल सकता है, क्योंकि जाली उत्पाद बेचने वाले कई लोग सामान्य से बहुत कम कीमत देकर ग्राहकों को आकर्षित करते हैं। ग्राहकों को सुनिश्चित करना चाहिए कि पूरी जांच पड़ताल ब्रांडेड उत्पादों को कंपनी के अधिकृत ऑनलाईन या ऑफलाइन प्लेटफॅाम से ही खरीदें।

2) पैकेजिंग में बदलाव : प्रतिष्ठित ब्रांड अपने उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ब्रांड के विजन को प्रदर्शित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली पैकिंग करते हैं। कॉन्टेक्ट डिटेल जैसे ऑफिशियल वेबसाइट, कस्टमर केयर नंबर और सोशल मीडिया हैंडल की जानकारी भी उन पर रहती है, साथ ही सभी नियामकीय प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। किसी असली प्रतिष्ठित ब्रांड से कम गुणवत्ता वाली पैकिंग नहीं मिल सकती है। ब्रांड कितना असली है, इसे समझने का यह एक सही तरीका हो सकता है। उत्पादन जाली है या असली, इसे जानने के लिए पैकेजिंग को ध्यान से देखें। अगर प्रोडक्ट सही से पैक नहीं है या उस पर लगी टूटी हुई है, उस पर कोई कॉन्टेक्ट डिटेल नहीं है या लोगो व ट्रेडमार्क में कोई स्पेलिंग एरर है, तो उस उत्पाद के नकली होने की आशंका बहुत ज्यादा रहती है।

3) गुणवत्ता को महसूस करें : आप सिर्फ देखकर और छूकर असली प्रोडक्ट की अच्छी गुणवत्ता को महसूस कर सकते हैं। जाली उत्पाद ज्यादातर कम गुणवत्ता वाले और पर्यावरण की दृष्टि से प्रतिकूल वस्तुओं से बने होते हैं, जो ज्यादा टिकाऊ नहीं होते और प्रयोग करने में भी असुरक्षित होते हैं।

असली स्पेयर पार्ट्स और अधिकृत सर्विस सेंटर की उपलब्धता:

प्रतिष्ठित ब्रांड ग्राहकों को उचित सर्विस देने और ऑरिजिनल स्पेयर पार्ट्स एवं एक्सेसरीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक निवेश करते हैं। इसके लिए कंपनियां विभिन्न बाजारों में यूनिफॉर्म सर्विस इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करती हैं। प्रतिष्ठित ब्रांड नियमित तौर पर अपने कर्मचारियों को नए टूल एवं प्रोसेस से अपडेट रखने के लिए सर्विव वर्कशॉप का संचालन करते हैं और अपने ग्राहकों के लिए फ्री प्रोडक्ट सर्विस कैंप लगाते हैं। कंपनी के आफ्टर सेल्स एंड सर्विस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विधिवत चेक-अप उत्पाद के असली होने की परख के लिए अच्छा माध्यम होता है।

प्रतिष्ठित ब्रांड अपने ग्राहकों को उत्पाद की पहचान के लिए और नकली व असली में फर्क करने में सक्षम बनाने के लिए जागरूक करने की दिशा में कई पहल को अंजाम देते हैं। ऊपर बताए गए बिन्दुओं को ध्यान में रखने से ग्राहकों को भरोसे और मन की पूरी शांति के साथ असली ब्रांडेड प्रोडक्ट खरीदने में मदद मिल सकती है।

 

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