उद्यानिकी (Horticulture)

भिण्डी लगाकर पाएं अधिक लाभ

  • के.पी. असाटी द्य डी.के. सूर्यवंशी
  • एस.के. शाक्य द्य डॉं. यू.सी. शर्मा 
  • मनोहर बुनकर

22 फरवरी 2021, भोपाल। भिण्डी लगाकर पाएं अधिक लाभ – भिण्डी सब्जी फसल 75 से 80 दिन में तैयार होकर की पैदावार दे देती है। भिण्डी की सब्जी पौष्टिक, लौह तत्व से परिपूर्ण, कब्ज विनाशक एवं विटामिन युक्त होती है। घरेलू खपत के अलावा कुल सब्जियों के निर्यात में भिण्डी का 50 प्रतिशत से भी अधिक योगदान है।

भिण्डी को गर्मी तथा वर्षा ऋतु में सफलतापूर्वक उगाकर अच्छा लाभ ले सकते हैं। इस समय खाली खेतों में भिण्डी की फसल उगाकर बाजार में अच्छा भाव मिलने से मोटा मुनाफा कमा सकते हैं। भिण्डी की उन्नत किस्मों को उगाकर प्रति एकड़ 50 से 60 क्विंटल उपज ली जा सकती है।

Advertisement
Advertisement

इफ्सा के बंशी गोल्ड मूंग से पाएं बेहतर पैदावार

बिजाई का समय:

गर्मी की फसल की बिजाई फरवरी-मार्च तथा वर्षा ऋतु में जून जुलाई में की जानी चाहिए। बसंतकालीन उगाई गई भिण्डी की बाजार में ज्यादा मांग रहती है।

Advertisement8
Advertisement
खेत की तैयारी:

बिजाई से पहले खेत में गोबर खाद डालकर जुताई व पाटा लगाकर अच्छी प्रकार तैयार कर लें। इस समय भिण्डी की बिजाई डोलियों में भी कर सकते हैं।

Advertisement8
Advertisement
उन्नत किस्में:

व्ही.आर.ओ.-6,पद्मनी, संकर किस्में विजय, विशाल हाइब्रिड-7, विशाल हाइब्रिड-8, अर्का, अनामिका, पूसा मखमली भिण्डी की हिसार उन्नत, पी-7, वर्षा, उपहार तथा पूसा सावनी रोगरोधी एवं ज्यादा उपज देने वाली किस्में हैं। हिसार उन्नत तथा वर्षा उपहार किस्में बोने के 45 दिन बाद फल देना शुरू कर देती है।

बीज मात्रा :

बीज दर 15-20 किलो प्रति हेक्टेयर सामान्य, संकर किस्म 6 किलो प्रति हेक्टेयर,  बसंतकालीन भिण्डी के लिए 12 से 15 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ बोना चाहिए। बोने से पहले बीज को रातभर पानी में भिगोएं। बिजाई 30 सेंटीमीटर चौड़ी डोलियोंंं में दोनों तरफ किनारों पर 10 सेमी की दूरी पर तथा वर्षा ऋतु में लाइन का फासला 45 से 60 तथा पौधे से पौधा 30 सेमी रखें।

संतुलित खाद एवं उर्वरक :

बोते समय एक कट्टा डीएपी तथा 20 किग्रा यूरिया प्रति एकड़ तथा 25 किग्रा यूरिया बोने के तीन सप्ताह बाद तथा 25 किग्रा. फल आने के समय दें।

  • गोबर खाद 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर बुवाई
  • नत्रजन 60 किलो प्रति हेक्टेयर बुवाई के समय
  • नत्रजन 30 किलो प्रति हेक्टेयर बुवाई के 30 दिनों बाद
  • नत्रजन 30 किलो प्रति हेक्टेयर बुवाई के 45 दिनों बाद
  • स्फुर 60 किलो प्रति हेक्टेयर बुवाई के समय
  • पोटाश 60 किलो प्रति हेक्टेयर बुवाई के समय
खरपतवार नियंत्रण :

आवश्यकतानुसार निंदाई खरपतवार नियंत्रण 40 दिनों तक करें। एक सप्ताह के अंतराल पर 3 से 4 गुड़ाई पर्याप्त है। 20 से 35 दिन बाद निराई गुड़ाई करें। बिजाई से एक दिन पहले फलूक्लोरोलिन की 400 ग्राम मात्रा 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें तथा 3 से 4 सेमी. गहरी रेक कर देने से भी खरपतवार नियंत्रण हो जाता है।

सिंचाई :

साप्ताहिक सिंचाई अनुशंसित है।

Advertisement8
Advertisement
तुड़ाई :

45 से 50 दिनों बाद शुरू प्रति 2-3 दिनों के अंतराल में।

उपज :

लगभग 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।

अन्य उपयोग :

गुड़ बनाते समय गुड़ साफ करने के लिए।

सावधानियां :

कीटग्रसित फल तोड़कर भिण्डी में दवा दें तथा कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कृषि विशेषज्ञों की सलाह से करना चाहिए।
कीटनाशक दवा छिड़काव से पहले फल तोड़ लें तथा छिड़काव के बाद भी जब भिण्डी तोड़े उन्हें अच्छी प्रकार से पानी से धोकर ही खाएं या मंडी ले जाएं एवं फल तुड़ाई के समय मानव स्वास्थ्य हित मेलाथियान या डाईक्लोरमास जैसी सुरक्षित दवाओं का उपयोग करें।

Advertisements
Advertisement5
Advertisement