समस्या – समाधान (Farming Solution)

बैंगन के पौधों की बढ़वार नहीं हो रही है, उखाडऩे पर जड़ों में गांठें मिलीं, उपाय बतायें।

सतीश पाराशर

20 अप्रैल 2024, भोपाल: बैंगन के पौधों की बढ़वार नहीं हो रही है, उखाडऩे पर जड़ों में गांठें मिलीं, उपाय बतायें – बैंगन, टमाटर, मिर्च की जड़ों में गांठें कृमि, नीमाटोड के कारण हो जाती हैं। इसका प्रकोप बढऩे पर पौधों की बढ़वार रुक जाती है तथा उपज में भी बहुत अधिक गिरावट आ जाती है।

बैंगन व इस वर्ग की अन्य फसलें जैसे टमाटर, मिर्च आदि एक ही खेत पर लगातार लेने से इसके प्रकोप की सम्भावना अधिक रहती है।

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इसके नियंत्रण के लिए फसल चक्र अपनाना आवश्यक है। जिस खेत में इसका प्रकोप हो उस खेत में अगले तीन साल तक बैंगन, टमाटर, मिर्च आदि न लें।

गर्मियों में इस खेत की गहरी जुताई कर लें ताकि मई-जून की तेज धूप खेत को 15 दिन तक लग जाये।

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इस खेत में मुख्य फसल के साथ गेंदा लगा दें इससे नीमाटोड के नियंत्रण में सहायता मिलेगी।

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गोबर या अन्य जैविक खाद उपयोग करने से भी नीमाटोड का प्रकोप कम होता है।

बैंगन की ज्वाइंट ऑफ बनारस, ब्लेक ब्यूटी, गोला, पीबीआर 91-2, आईसी 95-13, एचओई-101 तथा रेड बन्डर जातियां नीमाटोड के प्रति प्रतिरोधी पाई गई है।

ग्रसित फसल में नेमेरीसाइड एल्डीकार्ब, कार्बोसल्फान से उपचार का बहुत अधिक लाभ नहीं मिलता इसका उपयोग बैंगन की नर्सरी में भविष्य में न करें।

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