“सफलता की कहानी सज्जन सिंह की जुबानी”
लेखक: डॉ. मुकेश कुमार भार्गव, वरिष्ठ वेज्ञानिक (सस्य विज्ञान), डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह, डॉ. अमृतलाल बसेड़िया, श्री योगेश चन्द्र रिखाड़ी, डॉ. एन. के. कुशवाह, श्रीमती आरती बंसल, डॉ. पुनीत कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर, कृषि विज्ञान केन्द्र, शिवपुरी (म.प्र.)
31 मार्च 2025, भोपाल: “सफलता की कहानी सज्जन सिंह की जुबानी'”- कहा जाता है कि जिसके पास जज्बा होता है वह पहाड़ से सीने को चीरकर अपना रास्ता बना लेता है। जहां युवा खेती से मुंह मोड़ते हैं वहीं इनके बीच कुछ प्रगतिशील किसानों में ऐसे एक किसान हैं जो प्रेरणा लेकर आज प्रेरक बने हुए हैं। इन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी के वैज्ञानिकों से कृषि तकनीकियों के अनुपालन के साथ अपनी मेहनत और लगन से आज खेती में लाभकारी परिणामों के साथ सफलता के मुकाम पर है।
विगत 15 वर्ष पूर्व यह सामान्यतः परंपरागत खेती में सोयाबीन, गेहूं, चना, सरसों इत्यादि केवल एकल फसल के तौर पर ही करते थे। उन्हें खेती में कम लाभ और आय में निरंतरता नहीं मिलने से इन्होंने कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से कृषि तकनीकियों के द्वारा अपनी परंपरागत खेती में बदलाव किया जिसका विवरण इस प्रकार है।
| क्रमांक | विवरण | |
| 1 | नाम | श्री सज्जन सिंह मो. 96305 91917 |
| 2 | उम्र | 48 वर्ष |
| 3 | ग्राम | किरौली |
| 4 | विकासखण्ड एवं जिला | शिवपुरी (म.प्र.) 473551 |
| 5 | कुल भूमि | 25 एकड़ |
| 6 | प्रमुख फसलों की खेती | |
| 1 | खरीफ | टमाटर, शिमलामिर्च एवं बैगन |
| 2 | रबी | गेहूं, सरसों, गोभी एवं प्याज |
| 3 | जायद | खरबूजा, भिण्डी, खीरा |
| 7 | वर्ष भर में सभी फसलों की कुल औसत लागत व्यय | रूपए 15 लाख |
| 8 | वर्ष भर में सभी फसलों की कुल औसत सकल आय | रूपए 70 लाख |
| 9 | औसत शुद्ध आय समस्त फसलों से | रूपए 55 लाख |
| 10 | लागत: लाभ अनुपात | 1: 4.66 |
| 11 | पशुधन | दो गाय एवं तीन भैंसों से 35 लीटर दूध उत्पादन जो रू 55 रूपए प्रति लीटर के हिसाब से विक्रय हो जाता है। |
| 12 | अपनाये जाने वाली कृषि तकनीकियां एवं फसलदृचक्र | |
| 1. नकदी फसलों में टमाटर मेढ़ पर ड्रिप, मल्चिंग सह स्टेकिंग के साथ उत्पादन। | ||
| 2. ड्रिप एवं मल्चिंग से शिमला मिर्च उत्पादन। | ||
| 3. टमाटर के बाद खाली हुऐ खेतो में खरबूजा उत्पादन। | ||
| 4. आधुनिक उपयोगी कृषि यंत्रों का प्रयोग इत्यादि प्रमुख है। | ||
| 13 | नई गतिविधियां | ड्रोन टेक्नोलॉजी के माध्यम से नैनो उर्वरकों, जल विलेय उर्वरकों एवं अनुशंसित रसायनों का प्रयोग करने लगे हैं। जिसमें नीतेश शर्मा ड्रोन पायलेट, आकाश चौधरी, गौरव अवस्थी द्वारा कोरोमण्डल के माध्यम से कस्टम हायरिंग सेवाएं भी दी जा रही हैं। |
सज्जन सिंह का मानना है कि आज का किसान यदि अपनी सूझबूझ एवं वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर खेती करे तो यह व्यवसाय घाटे का नहीं हो सकता है और वह उत्तम खेती मध्यमबान जैसी पुरानी कहावत को चरितार्थ करता हुआ सफलता की नई ऊँचाई को छू सकता है।
सज्जन सिंह अपनी जिंदगी को बहुत ही खुशहाल अपने परिवार जिसमें पत्नी, एक बेटी एवं दो बेटों के साथ उच्च शिक्षा कराते हुए संतुष्टि पूर्ण जीवन-यापन कर रहे हैं तथा खेती को अन्य प्रगतिशील किसानों से मिलने वाली नई जानकारियों तथा नये प्रयोगों को करना भी इनका शौक है। यह समय-समय पर कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी से प्रशिक्षण, प्रदर्शनों तथा उत्साह से कृषि तकनीकियों के बारे में भी विस्तार से चर्चा एवं विश्लेषण कर अपनाने से साल दर साल सफलता की नई ऊँचाई छू रहे हैं। ऐसे प्रेरक और जुनून वाले किसानों से कृषि में बदलाव कर दौर देखने को मिलता है। कृषि वैज्ञानिक भी इनके मेहनती और कृषि प्रति समर्पण के परिणाम को इनके खेतों में इनकी फसलों और इनको हो रहे लाभ से वैज्ञानिक और आधुनिक खेती की तकनीकियों के हस्तांतरण को सफल मानते हैं।
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