छत्तीसगढ़: मनरेगा की मदद से बीरसाय ने बदली किस्मत, सब्जी की खेती से अब हर महीने कमा रहे हैं 15 हजार
05 सितम्बर 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़: मनरेगा की मदद से बीरसाय ने बदली किस्मत, सब्जी की खेती से अब हर महीने कमा रहे हैं 15 हजार – महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ने न केवल ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया है, बल्कि किसानों के जीवन में नई उम्मीदें भी जगाई हैं। मनेन्द्रगढ़-भरतपुर-चिरमिरी जिले के ग्राम पंचायत लाई के किसान बीरसाय इसकी जीती-जागती मिसाल हैं, जिन्होंने मनरेगा की मदद से अपनी बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया और आज सब्जी की खेती से हर महीने 10 से 15 हजार रुपये कमा रहे हैं।
बीरसाय के पास जो जमीन थी, वह खेती के लिए अनुपयुक्त थी— उबड़-खाबड़ और बिना सिंचाई की व्यवस्था के। उन्होंने ग्राम पंचायत में आवेदन कर भूमि समतलीकरण का काम मनरेगा के तहत करवाने की गुहार लगाई। ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद जिला पंचायत कोरिया ने बीरसाय के भूमि सुधार के काम को मंजूरी दी। इसके तहत 95 हजार रुपये की लागत से उनकी जमीन को समतल किया गया, जिससे यह खेती के योग्य हो गई। इस प्रक्रिया में बीरसाय ने खुद और गांव के अन्य श्रमिकों के साथ काम कर 100 दिन का रोजगार भी हासिल किया, जिसका भुगतान उनके खाते में सीधे किया गया।
टपक सिंचाई और मल्चिंग ने बढ़ाई उपज: जब भूमि तैयार हो गई, तो बीरसाय ने कृषि विभाग की टपक सिंचाई योजना का लाभ लिया और मल्चिंग विधि से सब्जी उत्पादन शुरू किया। यह विधि कम पानी में फसलों को बेहतर उपज देने में मदद करती है। अब हर मौसम में बीरसाय विभिन्न सब्जियां उगाकर नियमित रूप से 10 से 15 हजार रुपये की आय कमा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है।
खुशहाल किसान बीरसाय की कहानी: बीरसाय बताते हैं, “मनरेगा से भूमि समतलीकरण और कृषि विभाग से टपक सिंचाई का लाभ मिलने से मेरी ज़िंदगी बदल गई है। अब मेरे पास रोजगार की चिंता नहीं है। हर हफ्ते सब्जियों से अच्छी कमाई हो जाती है। साथ ही, परंपरागत धान और गेहूं की फसल भी उगाकर अतिरिक्त आय हो रही है।” बीरसाय की मेहनत और सरकारी योजनाओं की मदद ने उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया और अब वे अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त हैं।
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