संपादकीय (Editorial)

टिकाऊ कृषि में ग्रीन कैमिस्ट्री का विकास

टिकाऊ कृषि में ग्रीन कैमिस्ट्री का विकास – रसायन विज्ञान हमारे लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि इसके अनुप्रयोगों का दुनियाभर में कई उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए किया जाता है, जैसे कि दवाओं, पॉलिमर और कृषि रासायनिकों आदि के लिए। ऑर्गेनिक कैमिस्ट्री फसल संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण रही है, और भविष्य में भी रहेगी। खाद्य उत्पादन को बढ़ाने के लिए कवक रोगजनकों, नाशीकीटों और खरपतवारों को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ रही है, इसलिए यह जरूरी है कि वर्तमान स्थिति का आकलन किया जाए और भविष्य की चुनौतियों का अनुमान लगाया जाए तथा इस बात पर विचार किया जाए कि नई कैमिस्ट्री चिन्हित चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकती है। अत: कृषि से न केवल खाद्यान्न और अनाज उपलब्ध कराए जाने की बढ़ती उम्मीद होगी, बल्कि नवीकरणीय ईंधनों और रासायनिक फीडस्टॉक में फसलों को परिवर्तित करने में भी सहायता मिलेगी। इससे प्रति यूनिट क्षेत्रफल में उच्च फसल उपज की मांग बढ़ेगी, जिसके लिए फसल उत्पादन में रसायनों का उपयोग और भी अधिक संतुलित एवं विवेकपूर्ण रूप में करना होगा। नाशीकीटों, कृंतकों (कतरने वाले जीव), खरपतवारों, रोगों और कीट-वाहकों/वैक्टर को नियंत्रित करने के लिए कृषि, बागवानी और सार्वजनिक स्वास्थ्य में कीटनाशकों का उपयोग किया जाता है। ये कीटनाशक जैविक रूप से सक्रिय यौगिक होते हैं जिन्हें लक्षित जीवों को मारने के लिए निर्मित किया जाता है। इनका उपयोग पशु चिकित्सा में और परजीवों को भी नियंत्रित करने में भी किया जाता है। कीटनाशकों को तब खतरनाक माना जाता है जब विशेष रूप से उनमें मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर या असाध्य खतरों के उच्च स्तर देखे जाते हैं। अत्यधिक खतरनाक कीटनाशकों (॥॥क्कह्य) के गंभीर या असाध्य (क्रॉनिक) जहरीले प्रभाव हो सकते हैं, ये बच्चों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। इसलिए ये वैश्विक चिंता का विषय बन जाते हैं।

ग्रीन कैमिस्ट्री याने हरित रसायन (टिकाऊ रसायन)

‘सिद्धांतों का एक समूह है जो रासायनिक उत्पादों के डिजाइन, विनिर्माण और अनुप्रयोग में खतरनाक पदार्थों के उपयोग या सृजन को कम या समाप्त करती है।’ ग्रीन कैमिस्ट्री उत्पादों और प्रसंस्करणों को एक नवप्रवर्तनशील और अर्थव्यवस्था आधारित दिशा में तथा नवीकरणीय फीडस्टॉक की दिशा में परिवर्तित करती है, जहां विषाक्तता को आणविक स्तर पर सतर्कता के साथ रोका जाता है। ग्रीन कैमिस्ट्री और टिकाऊ कृषि एक दूसरे से अंतरनिहित रूप से जुड़ी हुई है; इसलिए किसानों को कीटनाशकों जैसे सुरक्षित कृषि रासायनिक सामग्रियों की आवश्यकता है।

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ग्रीन कैमिस्ट्री के सिद्धांतों में शामिल हैं:

नवीकरणीय, गैर विषैले फीडस्टॉक का चयन; सुरक्षित और ऊर्जा दक्ष सिंथेटिक कार्यविधियों का डिजाइन।

  • मानवों, गैर-लक्षित जीवों और पर्यावरण के लिए कीटनाशकों के जोखिमों को कम करना।
  • भूमिगत जल, भूजल या अन्य मूल्यवान पर्यावरणीय संसाधनों के दूषित होने की संभावना को कम करना।
  • सभी उत्पादों और उपोत्पादों के प्राकृतिक क्षय को रोकना।
  • एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन रणनीतियों को अपनाना।

न्यूनतम जोखिम वाले कीटनाशक

पौधों और उनसे जुड़े सूक्ष्मजीवों को परजीवी और प्रतिस्पर्धी जीवों के विरूद्ध विभिन्न प्रकार के रासायनिक निरोधकों को उत्पादित करने के लिए जाना जाता है। तथापि, प्राकृतिक उत्पादों की विषाक्तता को सावधानी के साथ मात्रीकीकृत यानी क्वांटिफाइ किया जाना चाहिए।

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ग्रीन कैमिस्ट्री के लाभ

  • मानव स्वास्थ्य, स्वच्छ वायु और जल: खतरनाक रासायनिकों का कम निर्गमन और कम अपशिष्ट सृजन तथा मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर कम प्रभाव।
  • रासायनिक उद्योग में श्रमिकों के लिए बढ़ती सुरक्षा; विषाक्त पदार्थों का कम उपयोग: व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की आवश्यकता कम होती है; दुर्घटनाओं की कम संभावना (उदाहरण के लिए, आग या विस्फोट) कम होती है।
  • सुरक्षित उपभोक्ता उत्पाद: नए और सुरक्षित उत्पाद उपलब्ध होंगे जिन्हें हानिकारक उत्पादों से प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
  • सुरक्षित भोजन: खाद्य श्रृंखला में लगातार प्रवेश में सक्षम विषाक्त रासायनिकों का उन्मूलन होता है; सुरक्षित कीटनाशक जो न केवल केवल विशिष्ट नाशीकीटों के लिए जहरीले होते हैं, बल्कि उपयोग के बाद तेजी से अवक्रमित होते हैं।

पर्यावरण :

  • ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन क्षय और स्मॉग बनने की संभावना कम।
  • पारिस्थितिकियों के लिए सुरक्षित।
  • लैंडफिल यानी कचरे के ढेरों, विशेष रूप से खतरनाक अपशिष्ट के ढेरों का कम उपयोग।

अर्थव्यवस्था और व्यवसाय:

  • कैमिकल रिएक्शन की उच्च संभावना, समान मात्रा में उत्पाद प्राप्त करने के लिए फीडस्टॉक की कम मात्रा का उपभोग।
  • कम सिंथेटिक स्टेप्स से अक्सर उत्पादों का तेजी से विनिर्माण करने में, पौधों की क्षमता को बढ़ाने में और ऊर्जा एवं जल की लागत को बचाने में सहायता मिलती है।
  • खतरनाक अपशिष्ट निपटान में कमी आना और महंगे शोधन प्रक्रिया को समाप्त करना।
  • पेट्रोलियम उत्पादों का उपयोग कम होना, उनका क्षय धीरे-धीरे होना तथा उनके खतरे कम हो जाते हैं।
  • बढ़ते उत्पादन के साथ विनिर्माण संयंत्र के आकार को छोटा या फूटप्रिंट को कम किया जा सकता है।
  • एक सुरक्षित उत्पाद लेबल लगाकर उपभोक्ता को बिक्री करने में वृद्धि होती है।

एग्रोकेमिकल उद्योग को स्थिरता के मुख्य सिद्धांत के रूप में नए प्रसंस्करणों एवं उत्पादों को विकसित करने के लिए ग्रीन कैमिस्ट्री पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसके लिए एक कोलाब्रेटिव प्लेटफॉर्म विकसित करने की आवश्यकता है जहां शैक्षणिक, सरकार और विनियामक संस्थाएं, विनिर्माता और किसान एक साथ मिलकर एग्रोकैमिकल क्षेत्र में कीटनाशकों और ग्रीन कैमिस्ट्री के उचित उपयोग के लिए रणनीतियों को बढ़ावा तथा क्रियान्वित कर सकें।

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