फसल की खेती (Crop Cultivation)

किसान भाई बुआई के बाद क्या करें

15 जुलाई 2024, भोपाल: किसान भाई बुआई के बाद क्या करें – किसानों को कई बार मौसम की अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है, जिससे उन्हें अपने फसल की सुरक्षा और उपज बढ़ाने के लिए कुछ विशेष तकनीकों और सुझावों का पालन करना होता है। कई इलाकों में सोयाबीन की बुआई पूरी हो चुकी है, लेकिन कुछ इलाकों में अभी भी पर्याप्त बारिश का इंतजार है। ऐसे में किसानों को भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान इंदौर द्वारा सलाह जारी की गई है कि जिन किसानों ने बोवनी के लिए बीबीएफ/रिज फरो विधियों के स्थान पर केवल परंपरागत सीड ड्रिल की सहायता से सोयाबीन की बोवनी की हैं, उन्हें 6 या 9 कतारों के अंतराल पर नालियां बनानी चाहिए, जिससे अतिरिक्त वर्षा के जल की निकासी में सुविधा हो और साथ ही लंबे समय तक सूखे के दौरान नमी का संरक्षण भी होगा।
ऐसे किसान जिन्होंने अपनी फसल में बोवनी पूर्व या बोवनी के तुरंत बाद उपयोगी खरपतवारनाशकों का प्रयोग किया हैं, उन्हें खरपतवार नियंत्रण के लिए डोरा/कुलपा से अंतर-खेती कर सकते हैं।

सोयाबीन में खरपतवारनाशक के प्रयोग

जहाँ फसल 15-20 दिन की है और खरपतवारनाशक (हर्बिसाइड्स) का प्रयोग नहीं हुआ है, वहाँ अंकुरण बाद के खरपतवारनाशक का छिड़काव करें। छिड़काव के लिए फ़ूड जेट/फ़्लैट फ़ैन नोजल और पर्याप्त पानी (पावर स्प्रेयर: 125 लीटर/हेक्टेयर, नैपसेक स्प्रेयर: 450 लीटर/ हेक्टेयर) का उपयोग करें।
जहां बारिश नहीं हो रही है, वहां स्प्रिंक्लर, ड्रिप, या बी.बी.एफ./रिज फरो से बनी नालियों से सिंचाई के उपाय अपनाएं।

पत्ती खाने वाले कीटों पर नियंत्रण

पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा हेतु किसानों को 15-20 दिन की फसल में, फूल आने से 4-5 दिन पहले क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5 एससी ञ्च 150 मिली/हेक्टेयर का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है, जिससे 30 दिनों तक कीट नियंत्रण रहेगा।
तना मक्खी के लक्षण दिखने पर तुरंत थायामेथोक्सम 12.60त्न + लैम्ब्डा साइहैलोथ्रिन 09.50त्न जेडसी ञ्च 125 मिली/हेक्टेयर का छिड़काव करें। ढ्ढष्ट्रक्र-ढ्ढढ्ढस्क्र के अनुसार, निम्नलिखित कीटनाशकों और शाकनाशियों का प्रयोग करें-

कीटनाशक: क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5 एससी (150 मिली/हेक्टेयर) या क्विनालफॉस 25 ईसी (1 लीटर/हेक्टेयर) या इंडोक्साकार्ब 15.8 ईसी (333 मिली/हेक्टेयर)
खरपतवारनाशक: इमेजेथापायर 10 एसएल (1 लीटर/हेक्टेयर) या क्विज़ालोफ़ॉप एथिल 5 ईसी (1.00 लीटर/हेक्टेयर) अनुशंसित कीटनाशकों और शाकनाशियों के संयोजन का ही उपयोग करें।

सोयाबीन में अनुशंसित खरपतवारनाशक
क्रं.खरपतवारनाशक       कारासायनिक नाममात्रा/हेक्टे.प्रभावशीलता
प्रकार
1बौवनी   पूर्व     उपयोगीपेंडिमेथालिन + इमेजेथापायर2.5-3.0 ली.दोनों प्रकार के खरपतवार
(PPI)
2बौवनी   के   तुरन्त   बाद (PE)डिक्लोसुलम 84 डब्ल्यूडीजी26-30 ग्रामचौड़ी पत्ती वाले
सल्फेंट्राजोन 39.6 एससी0.75 ली.दोनों प्रकार
क्लोमोजोन 50 ईसी1.50 – 2.00 ली.दोनों प्रकार
पेंडिमेथालिन 30 ईसी2.50-3.30 ली.दोनों प्रकार
पेंडिमेथालिन 38.7 सीएस1.50-1.75किग्रा/ग्रा.दोनों प्रकार
फ्लूमियोक्साज़िन 50 एससी0.25 ली.चौड़ी पत्ती वाले
मेट्रीबुज़िन 70WP0.75-1.00किग्रा/ग्रा.दोनों प्रकार
सल्फेंट्राजोन + क्लोमाजोन1.25 ली.दोनों प्रकार
पाइरोक्ससल्फोन 85 डब्लूजी150 ग्रा.दोनों प्रकार
मेटोलाक्लोर 50 ईसी2.00 ली.दोनों प्रकार
3बौवनी   के 10-12 दिन बाद (POE)क्लोरिम्यूरोन एथिल 25% डब्ल्यूपी + सर्फैक्टेंट36 ग्रामचौड़ी पत्ती वाले
बेंटाजोन 48 एसएल2.00 ली.दोनों प्रकार
बौवनी   के 15-20 दिन बाद (POE)इमेजेथापायर10 एसएल1.00 ली.दोनों प्रकार
इमेजेथापायर 70% डब्ल्यूजी + सर्फैक्टेंट1.00 ली.दोनों प्रकार
क्विज़ालोफ़ॉप-एथिल 5 ईसी100 ग्रा.दोनों प्रकार
क्विज़ालोफ़ॉप-पी-एथिल 10 ईसी0.75-1.00 ली.घासवगीय
फेनोक्साप्रोप-पी-एथिल 9.3 ईसी375-450 एमएलघासवगीय
क्विज़ालोफ़ॉप-पी-टेफ़्यूरिल 4.41 EC1.11 ली.घासवगीय
फ्लूजीफॉप-पी-ब्यूटाइल 13.4% EC0.75- 1.00 ली.घासवगीय
हेलोक्सीफॉप आर मिथाइल 10.5 EC1.00-2.00 ली.घासवगीय
प्रोपेक्विजाफॉप 10 EC1.0-1.25 ली.घासवगीय
फ्लुथियासेट मिथाइल 10.3 EC500-750 एमएलघासवगीय
क्लेथोडिम 25 EC500 -700 एमएलघासवगीय
           पूर्वनिर्धारित खरपतवारनाशकफ्लूजीफॉप-पी-ब्यूटाइल + फोमेसेफेन125 एमएलचौड़ी पत्ती वाले
(POE)इमेजेथापायर + इमाजामोक्स1.00 ली.
 प्रोपेक्विजाफॉप + इमेजेथापायर100 ग्रा.
 सोडियम ऐसफ्लोरोफेन +2.00 ली.
 क्लोडिनाफॉपप्रोपरगिल1.00 ली.
 फोमेसेफेन + क्विजालोफॉप एथिल1.50 ली.
 क्विजालोफॉप एथिल 10% EC + क्लोरिम्यूरोन375 एमएल+36 ग्रा.+0.2%
 एथिल 25% WP + सर्फेक्टेंट (0.2) (खरपतवार) (ट्विन पैक)500 एमएल

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements