सोयाबीन में पोषक तत्व प्रबंधन के उपाय, जानें कैसे बढ़ाएं फसल की गुणवत्ता व उपज
16 जुलाई 2024, भोपाल: सोयाबीन में पोषक तत्व प्रबंधन के उपाय, जानें कैसे बढ़ाएं फसल की गुणवत्ता व उपज – सोयाबीन की खेती में पोषक तत्वों का उचित प्रबंधन उपज को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान ने इस विषय पर किसानों को आवश्यक सलाह दी है। किसान को अपने फसल की सुरक्षा और उपज बढ़ाने के लिए कुछ विशेष तकनीकों और सुझावों का पालन करना चाहिए।
सोयाबीन में पोषक तत्वों का प्रबंधन
किसान सभी पोषक तत्वों की अनुशंसित मात्रा 25:60:40:20 किलो / है. नाइट्रोजन ,फास्फोरस ,पोटाश व सल्फर की पूर्ति केवल बोनी के समय करें। केंद्रीय क्षेत्र के लिए निम्नलिखित उर्वरक संयोजनों में से किसी एक का उपयोग किया जा सकता है:
- यूरिया 56 किग्रा + 375-400 किग्रा सिंगल सुपर फॉस्फेट व 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश
- 140 किग्रा डीएपी + 67 किग्रा म्यूरेट ऑफ पोटाश + 25 किग्रा बेंटोनेट सल्फर
- मिश्रित उर्वरक 12:32:16 (200 किग्रा / है.) + 25 kg बेंटोनेट सल्फर
किसान बुवाई के दौरान सोयाबीन बीज को उर्वरकों के साथ न मिलाएं। इसके बजाय, वे बुवाई के लिए सीड-कम-फ़र्टालाइज़र बीज ड्रिल का उपयोग करें या बुवाई से ठीक पहले खेतो में उर्वरकों का छिड़काव कर सकते हैं।
जैविक सोयाबीन उत्पादन के मामले में, किसानों को बुवाई के समय ट्रायकोडर्मा विरिडी + ब्रेडीरायबीयम जपोनियम + पीएसबी /तरल बायोफ़र्टालाइज़र / कन्सोर्शाया का उपयोग कर सकते हैं।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: