राज्य कृषि समाचार (State News)फसल की खेती (Crop Cultivation)

किसानों के लिए जरूरी सलाह: यूरिया का अधिक प्रयोग घटा सकता है मक्का उत्पादन, जानिए सही मात्रा

20 अगस्त 2025, भोपाल: किसानों के लिए जरूरी सलाह: यूरिया का अधिक प्रयोग घटा सकता है मक्का उत्पादन, जानिए सही मात्रा – कृषि विभाग ने मक्का की फसल उगा रहे किसान भाइयों को सलाह दी है कि मक्का में यूरिया (नाइट्रोजन) और अन्य रासायनिक खादों का जरूरत से ज्यादा उपयोग फसल के लिए हानिकारक हो सकता है। उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री अशोक कुमार उपाध्याय ने बताया कि किसान यदि मक्का फसल में जरूरत से ज्यादा यूरिया या एनपीके खाद डालते हैं, तो इससे फसल को लाभ की बजाय नुकसान हो सकता है। कई बार उपज घट जाती है और लागत बढ़ जाती है।

ज्यादा खाद डालने से पौधों की बढ़वार असंतुलित हो जाती है, जिससे दानों का सही विकास नहीं हो पाता। इसके अलावा खेत में खाद का निक्षालन (लीचिंग) हो जाता है यानी खाद बहकर मिट्टी में नीचे चला जाता है, जिससे पौधों को उसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता। इससे मिट्टी की उर्वरता भी घट जाती है और भूजल प्रदूषित होता है। इतना ही नहीं, ज्यादा खाद देने से कीट और रोगों का प्रकोप भी बढ़ जाता है, जिससे उत्पादन घट जाता है और किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है।

मक्का फसल में खाद की कितनी मात्रा डालना है सही?

उप संचालक कृषि ने बताया कि मक्का फसल के लिए एनपीके (120:60:40 किग्रा/हेक्टेयर) का संतुलन जरूरी होता है। इसके लिए खाद की सिफारिश इस प्रकार है:

1. यूरिया (नाइट्रोजन – N): 250 किग्रा/हेक्टेयर, जिससे 120 किग्रा नाइट्रोजन की पूर्ति होती है।
2. डीएपी (फॉस्फोरस – P): 130 किग्रा/हेक्टेयर, जिससे 60 किग्रा फॉस्फोरस और 23 किग्रा नाइट्रोजन मिलती है।
3. एमओपी (पोटाश – K): 65-70 किग्रा/हेक्टेयर, जिससे 40 किग्रा पोटाश की पूर्ति होती है।

यदि किसान डीएपी (46% P₂O₅ और 18% N) का उपयोग यूरिया के साथ कर रहे हैं, तो एक हेक्टेयर के लिए यूरिया की मात्रा घटाकर 200 किग्रा/हेक्टेयर कर दें। इससे संतुलन बना रहेगा।

संतुलित खाद से मिलते हैं कई फायदे

संतुलित मात्रा में खाद डालने से पौधों की सही बढ़वार होती है और दाने अच्छे से भरते हैं। इससे उपज न केवल ज्यादा होती है बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है। मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता। संतुलन से खर्च कम होता है और मुनाफा बढ़ता है। साथ ही, कीट और बीमारियों का खतरा भी कम होता है।

नैनो यूरिया का करें सही उपयोग

किसानों को सलाह दी गई है कि वे पारंपरिक यूरिया की जगह नैनो यूरिया का उपयोग करें। इसकी मात्र 4-5 ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर पत्तियों पर छिड़काव करें। नैनो यूरिया के उपयोग से यूरिया की खपत में 20-30% तक बचत की जा सकती है।

सुझावः नैनो यूरिया को किसी भी कीटनाशक या फफूंदनाशक के साथ मिलाकर प्रयोग न करें। नैनो यूरिया का प्रयोग केवल अनुशंसित मात्रा में ही करें।धूप में छिड़काव न करें, सुबह या शाम का समय सबसे उपयुक्त होता है।

सही समय और मात्रा से ही मिलेगा लाभ

किसान भाइयों से अनुरोध है कि मक्का फसल में खाद का उपयोग अनुशंसित मात्रा और सही समय पर ही करें। इससे फसल बेहतर होगी, उपज और गुणवत्ता दोनों में बढ़ोतरी होगी और लाभ भी ज्यादा मिलेगा। अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी कृषि अधिकारी, कृषि केंद्र या कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें।

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