फसल की खेती (Crop Cultivation)

IARI मौसम सलाह: जनवरी के मौसम में फसल सुरक्षा के लिए जरूरी कदम

16 जनवरी 2025, नई दिल्ली: IARI मौसम सलाह: जनवरी के मौसम में फसल सुरक्षा के लिए जरूरी कदम –  भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली ने आगामी सप्ताह (19 जनवरी 2025 तक) के लिए मौसम आधारित कृषि परामर्श जारी किया है। यह परामर्श किसानों को फसलों की देखभाल और खेती के कार्यों को मौसम के अनुकूल तरीके से संचालित करने में मदद करेगा। आइए जानते हैं मुख्य सिफारिशें, पिछले सप्ताह का मौसम, और आगामी पूर्वानुमान।

बीते सप्ताह का मौसम (से 14 जनवरी 2025)

पिछले सप्ताह के दौरान आसमान में धुंध छाई रही। 12 जनवरी को संस्थान की वैधशाला में 2.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 16.3°C से 21.3°C (साप्ताहिक सामान्य 18.6°C) और न्यूनतम तापमान 4.9°C से 10.1°C (साप्ताहिक सामान्य 5.9°C) के बीच रहा। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 85% से 97% और दोपहर में 71% से 87% तक दर्ज की गई। सप्ताह में औसतन 2.6 घंटे धूप खिली रही, जो सामान्य 3.7 घंटे से कम थी। हवा की औसत गति 4.2 किमी/घंटा और वाष्पीकरण की दर प्रतिदिन 1.2 मिमी रही।

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आगामी मौसम पूर्वानुमान (15 से 19 जनवरी 2025)

अगले सप्ताह के लिए मौसम का अनुमान भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली द्वारा जारी किया गया है। इस अवधि में सुबह के समय स्मॉग और मध्यम कोहरा छाए रहने की संभावना है। आसमान आंशिक रूप से बादलों से ढका रहेगा, और हल्की बारिश भी हो सकती है। अधिकतम तापमान 18°C से 19°C के बीच रहने का अनुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान 7°C से 10°C तक रहेगा। सुबह के समय सापेक्षिक आर्द्रता 95% से 98% के बीच रहेगी और दोपहर में यह घटकर 70% से 75% तक हो सकती है। हवा की गति 6 से 14 किमी/घंटा के बीच रहने की संभावना है, और यह मुख्यत: उत्तर-पश्चिम दिशा से चलेगी। सप्ताह के दौरान 2.5 मिमी तक की संचयी वर्षा हो सकती है। इन मौसम स्थितियों में किसानों को अपने फसल सुरक्षा और सिंचाई कार्यों को सावधानीपूर्वक प्रबंधित करने की सलाह दी जाती है।

कृषि वैज्ञानिकों की मुख्य सिफारिशें

कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे बारिश की संभावना को ध्यान में रखते हुए खड़ी फसलों में सिंचाई और किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें। गेहूं की फसल में दीमक के प्रकोप से बचाव के लिए क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी @ 2.0 लीटर प्रति एकड़ 20 किलो बालू में मिलाकर शाम को खेत में छिड़कें। सरसों की फसल में चेंपा कीट की निगरानी जारी रखें और संक्रमण के शुरुआती चरणों में प्रभावित भागों को काटकर नष्ट कर दें। चने की फसल में फली छेदक कीट के प्रबंधन के लिए 3-4 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ लगाएं। पक्षियों को आकर्षित करने के लिए खेत में “T” आकार के बसेरे लगाएं।

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सब्जियों की फसल के लिए, गोभी वर्गीय सब्जियों में हीरा पीठ इल्ली और फली छेदक कीट की निगरानी हेतु फेरोमोन ट्रैप लगाएं। पालक, धनिया और मेथी की पत्तियों की वृद्धि के लिए 20 किलो यूरिया प्रति एकड़ छिड़कें। प्याज की रोपाई के लिए पौध 6 सप्ताह से अधिक पुरानी न हो और रोपाई से पहले खेत में उचित मात्रा में सड़ी गोबर खाद तथा उर्वरकों का उपयोग करें।

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गाजर का बीज उत्पादन करने वाले किसानों को उन्नत किस्मों की गाजर का चयन करने की सलाह दी गई है। अच्छी, लंबी गाजरों को 4 इंच ऊपर से काटकर पुन: रोपित करें। गेंदे की फसल में फूल सड़न रोग की नियमित निगरानी करें और लक्षण दिखने पर बाविस्टिन या इंडोफिल-एम 45 का छिड़काव साफ मौसम में करें।

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसलों की उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। मौसम को ध्यान में रखते हुए खेती के कार्य करें और फसल सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें।

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