सरकार ने इतालवी राईग्रास के बीजों के आयात के नियमों में ढील दी
08 मार्च 2025, नई दिल्ली: सरकार ने इतालवी राईग्रास के बीजों के आयात के नियमों में ढील दी – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इटालियन राईग्रास (Lolium multiflorum) के बीजों के आयात से जुड़े नियमों को आसान बना दिया है। 4 मार्च 2025 को जारी प्लांट क्वारंटीन (भारत में आयात का विनियमन) (सातवां संशोधन) आदेश, 2025 के तहत, सरकार ने जापान और अमेरिका से इन बीजों के आयात पर लगे कुछ प्रतिबंध हटा दिए हैं। नए नियम राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
पहले क्या प्रतिबंध थे?
अब तक, आयातकों को यह सुनिश्चित करना होता था कि बीज कई तरह के पौध रोगों और हानिकारक बैक्टीरिया से मुक्त हों। जापान से आने वाले बीजों के लिए प्रमाण पत्र जरूरी था कि वे मोनोग्राफेला निवालिस/ Monographella nivalis (जो फुट रॉट का कारण बनता है), नेक्ट्रिया रेडिसिकोला/Nectria radicicola, और बर्कहोल्डेरिया ग्लूमी/Burkholderia glumae तथा स्यूडोमोनास सिरिंजी/Pseudomonas syringae (जो हैलो ब्लाइट का कारण बनता है) जैसे बैक्टीरिया शामिल थे।
इसी तरह, अमेरिका से आयातित बीजों को ग्लोएटिनिया ग्रैनिजेना/Gloetinia granigena (जो घासों में ब्लाइंड सीड बीमारी का कारण बनता है), जाइलेला फास्टिडियोसा/Xylella fastidiosa (जो अंगूर की बेलों में पियर्स बीमारी का कारण बनता है), और अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों से मुक्त होना आवश्यक था। इसके अलावा, जापान और अमेरिका से आयातित बीजों को मिट्टी और क्वारंटाइन खरपतवार के बीजों से पूरी तरह मुक्त होना आवश्यक था।
अब क्या बदलाव हुए हैं?
इस संशोधन के बाद, प्लांट क्वारंटीन (भारत में आयात का विनियमन) आदेश, 2003 से ये सख्त फाइटोसैनिटरी (वनस्पति स्वास्थ्य) शर्तें हटा दी गई हैं। अब आयातकों को यह प्रमाण पत्र नहीं लेना होगा कि बीज इन रोगों और दूषित पदार्थों से मुक्त हैं।
प्रक्रिया कैसे सरल हुई है?
इन सख्त नियमों को हटाने से अब जापान और अमेरिका से इटालियन राईग्रास के बीज आयात करना काफी सरल हो जाएगा। आयातकों को कम कागजी कार्रवाई करनी होगी, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी। यह बदलाव खासतौर पर किसानों और कृषि व्यवसायों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो इन बीजों का उपयोग चारे और अन्य कृषि कार्यों के लिए करते हैं।
यह संशोधन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव मुकतानंद अग्रवाल द्वारा आधिकारिक रूप से जारी किया गया है।
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