फसल की खेती (Crop Cultivation)

‘गोमा यशी’: बेल की उन्नत किस्म से किसानों को मिला आय और पोषण का नया साधन

13 दिसंबर 2024, भोपाल: ‘गोमा यशी’: बेल की उन्नत किस्म से किसानों को मिला आय और पोषण का नया साधन –  भारतीय किसानों के लिए उन्नत फसल किस्में हमेशा से आय बढ़ाने और पोषण सुरक्षा का प्रमुख साधन रही हैं। बेल, जो अपनी औषधीय और पोषण संबंधी विशेषताओं के लिए जानी जाती है, अब किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल बन रही है। गुजरात के गोधरा स्थित केन्द्रीय बागवानी प्रयोग स्टेशन (भाकृअनुप-सीआईएएच) ने वर्षों के अनुसंधान और नवाचार से बेल की उन्नत किस्म ‘गोमा यशी’ विकसित की है, जिसने किसानों की जिंदगी बदलने का काम किया है।

गुजरात के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में बेल के पौधों की मौजूदगी तो थी, लेकिन उनकी गुणवत्ता निम्न स्तर की थी। 2002 में, भाकृअनुप-सीआईएएच ने बेल पर गहन अनुसंधान शुरू किया। विभिन्न राज्यों से जर्मप्लाज्म संग्रहित कर फील्ड जीन बैंक में संरक्षित किया गया। इस समर्पित शोध का नतीजा यह हुआ कि बेल की 8 उन्नत किस्में विकसित की गईं, जिनमें से गोमा यशी ने सबसे ज्यादा लोकप्रियता हासिल की।

Advertisement
Advertisement

गोमा यशी: किसानों की पहली पसंद क्यों?

गोमा यशी अपने कांटे रहित पौधों, पतले कागजी खोल, उच्च गुणवत्ता वाले फलों और छोटे कद के कारण किसानों की पहली पसंद बन गई है। यह किस्म उच्च घनत्व वाली खेती के लिए आदर्श है। इसकी मांग गुजरात से शुरू होकर राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों तक फैल गई है। आज गोमा यशी का उत्पादन 600 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में हो रहा है।

भाकृअनुप-सीआईएएच ने विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से गोमा यशी और इसकी उत्पादन तकनीकों को लोकप्रिय बनाया। रेडियो, टीवी शो, प्रदर्शनियां और खेत यात्राओं ने किसानों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया। किसानों की मानसिकता में बदलाव आया, और रोपण सामग्री की मांग उत्पादन से अधिक हो गई।

Advertisement8
Advertisement

आय में जबरदस्त वृद्धि

गोमा यशी से उपजाने वाले बेल के फल 15-20 रुपये प्रति फल के हिसाब से बिकते हैं। 5वें और 6वें वर्ष में किसान 75,000 से 1,00,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की कमाई कर रहे हैं। यह किस्म शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों के किसानों के लिए पोषण सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि का वादा करती है।

Advertisement8
Advertisement

गोमा यशी ने न केवल किसानों की आय बढ़ाई है, बल्कि युवा किसानों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित किया है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, और पंजाब जैसे राज्यों में किसान इसके लाभ देखकर बेल की खेती को बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं।

2009 से पहले पश्चिमी भारत में बेल की व्यवस्थित खेती नहीं होती थी। लेकिन गोधरा स्थित अनुसंधान केंद्र ने इसे एक प्रमुख बागवानी फसल के रूप में स्थापित किया है। गोमा यशी ने न केवल कृषि के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक और आर्थिक सुधार में भी अपनी भूमिका निभाई है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement