Advertisement8
Advertisement
फसल की खेती (Crop Cultivation)

क्या श्रीराम साइशो कपास की फसल को हरे तेले से बचाने में मदद कर सकता है?

25 सितम्बर 2025, भोपाल: क्या श्रीराम साइशो कपास की फसल को हरे तेले से बचाने में मदद कर सकता है? – कपास की फसल में हरा तेला (जैसिड) का प्रकोप न केवल पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि पूरी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को प्रभावित करता है। ऐसे में किसानों के सामने यह बड़ा सवाल रहता है कि कौन-सा कीटनाशक इस कीट पर सबसे प्रभावी कार्य कर सकता है।

श्रीराम साइशो (Shriram Saisho) एक अत्यंत प्रभावी कीटनाशक है, जो कपास की फसल में हरा तेला (जैसिड) को तेजी से नियंत्रित करता है। इसकी खासियत यह है कि यह कीटों की रस चूसने की प्रक्रिया को तुरंत रोक देता है, जिससे फसल ख़राब नहीं होती है और कीटों की मृत्यु सुनिश्चित होती है। श्रीराम साइशो का एक्टिव इंग्रीडिएंट (AI) डिनोटेफ्यूरान 70% WG है जो प्रभावी परिणाम प्रदान करता है।

Advertisement
Advertisement

कीटों का प्रकोप आमतौर पर कीटों के प्रसार के लिए अनुकूल मौसम की स्थिति के कारण होता है। ऐसे में कीटनाशक का छिड़काव करना अनिवार्य हो जाता है। ऐसी स्थिति में, पौधों के लिए प्रभावी और सुरक्षित कीटनाशक का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है।

श्रीराम साइशो की कपास में उपयोग विधि:

श्रीराम साइशो का पहला छिड़काव बुवाई के 40 से 50 दिन के बीच करें। यदि कीट प्रकोप अधिक हो तो दूसरा छिड़काव 12 से 15 दिन के भीतर करें। प्रति एकड़ 34.8 ग्राम की मात्रा पर्याप्त है। इसे 150-200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करना है। यह अनेक हानिकारक कीटों से फसल को सुरक्षा देता है और कम डोज़ में भी बहुत प्रभावी है। इसके अतिरिक्त श्रीराम साइशो फसल को स्वस्थ रखता है।

Advertisement8
Advertisement

अन्य फसलें जहाँ यह उपयोगी है:

  • धान: भूरा फुदका (ब्राउन प्लांट हॉपर), व्हाइट बैकेड प्लांट हॉपर (WBPH) को नियंत्रित करता है।
  • बैंगन: बैंगन की फसल में भी हरा तेला (जैसिड) के नियंत्रण में उपयोगी है।

दोनों फसलों के लिए डोज़ (स्प्रे की मात्रा) समान रहती है – 34.8 ग्राम प्रति एकड़। इसे 150 से 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ क्षेत्र में छिड़काव करना होता है।

Advertisement8
Advertisement

श्रीराम साइशो बहुआयामी कीटनाशक है, जिसकी खासियत है कि यह कम मात्रा में भी अधिक प्रभाव देता है। यह उत्पाद न केवल असरदार है, बल्कि स्तनधारी, पक्षी और मछलियों के लिए भी सुरक्षित है, जिससे किसान बिना चिंता के इसका उपयोग कर सकते हैं।

आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture

Advertisements
Advertisement5
Advertisement