Advertisement8
Advertisement
फसल की खेती (Crop Cultivation)

सोयाबीन में राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट रोग नियंत्रण हेतु ICAR-NSI, इंदौर की सलाह

28 जुलाई 2025, नई दिल्ली: सोयाबीन में राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट रोग नियंत्रण हेतु ICAR-NSI, इंदौर की सलाह – देशभर में मानसून के साथ सोयाबीन की फसलों पर रोगों का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसी को ध्यान में रखते हुए ICAR – राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (NSI), इंदौर ने राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट जैसे खतरनाक फफूंद रोग के नियंत्रण के लिए विशेष सलाह जारी की है।

राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट की पहचान

किसान फसलों में पत्तियों, डंठलों और तनों पर गीले धब्बे, भूरे या सूखे हुए छाले जैसे लक्षणों को ध्यान से देखें। यह रोग नम और गर्म मौसम में तेजी से फैलता है।

Advertisement
Advertisement

ICAR-NSI द्वारा सुझाए गए फफूंदनाशक

जैसे ही राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट के लक्षण खेतों में दिखें, तुरंत फफूंदनाशक का छिड़काव करना आवश्यक है। निम्नलिखित में से किसी एक फफूंदनाशक का प्रयोग करें:

  1. फ्लक्सापाय्रोक्साड 167 ग्राम/लीटर + पाय्रोक्लोस्ट्रोबिन 333 ग्राम/लीटर SC @ 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर
  2. पाय्रोक्लोस्ट्रोबिन 133 ग्राम/लीटर + एपॉक्सीकॉनाजोल 50 ग्राम/लीटर SE @ 750 मिली प्रति हेक्टेयर
  3. पाय्रोक्लोस्ट्रोबिन 20 WG @ 375–500 ग्राम प्रति हेक्टेयर

ये फफूंदनाशक रोग को रोकने में प्रभावी हैं और सोयाबीन की उपज को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं

Advertisement8
Advertisement

छिड़काव के सुझाव

  • संपूर्ण फसल पर समान रूप से छिड़काव करें।
  • साफ पानी और अच्छी तरह कैलिब्रेटेड स्प्रेयर का उपयोग करें।
  • यदि रोग का प्रभाव बना रहे तो 10–12 दिनों के बाद दोबारा छिड़काव करें।
  • तेज हवा या बारिश में छिड़काव न करें।

राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट से सोयाबीन की सुरक्षा के लिए लक्षणों की पहचान और समय पर दवा का प्रयोग जरूरी है। किसान इस ICAR-NSI की सलाह का पालन करें और अधिक जानकारी के लिए नजदीकी कृषि अधिकारी से संपर्क करें। इससे इस सीजन में आपकी सोयाबीन फसल को बेहतर उत्पादन मिलेगा।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.global-agriculture.com

Advertisements
Advertisement5
Advertisement