काश! कोई इन आंसुओं के दर्द को समझ पाये?
आंसू तो अन्नदाता की विरासत है। भारतीय किसान का जीवन दुख एवं गम से भरा पड़ा है। ऐसे में यदि कोई किसानों के आंसू पीने की बात करे तो यह झूठी दिलासा से अधिक जान नहीं पड़ता है। प्राकृतिक आपदा
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें