गायों की तुलना में भैंसों को लू लगने का खतरा अधिक; उन्हें कैसे बचाया जाए
28 मई 2024, खरगोन: गायों की तुलना में भैंसों को लू लगने का खतरा अधिक; उन्हें कैसे बचाया जाए – गायों की तुलना में भैंसें गर्मी से अधिक पीड़ित होती हैं। भैंस की त्वचा में गर्मी प्रतिरोधी पसीने की ग्रंथियां बहुत कम होती हैं। सूर्य के प्रकाश को प्रतिबिंबित करने के लिए आवश्यक गाय जैसी त्वचा होने के बजाय, सूरज की रोशनी को काली त्वचा द्वारा अवशोषित किया जाता है और भैंस के शरीर का तापमान बढ़ जाता है, इसलिए भैंस गर्मी से पीड़ित होती है अगर कृत्रिम गर्भाधान करना हो तो सुबह या शाम के समय ही करें।
1. भैंसों को डुबकी लगाने देना उनकी स्वाभाविक पसंद है, इस्से शरीर के तापमान को उपयुक्त तापमान पर बनाए रखने मे मदत मिलती हैं ।
2. भैंसों पर गिरने के लिए पानी के फव्वारे की व्यवस्था करनी चाहिए, यदि ऐसी व्यवस्था न हो तो उन्हें दिन में तीन से चार बार पानी से धोना चाहिए। दोपहर के समय पशुओं को खलिहान में बांध देना चाहिए, इस समय उन्हें छाया में रखना चाहिए।
3. शेड को ठंडा रखने के लिए उसके चारों ओर पेड़ होने चाहिए। गर्मियों में छत को घास से ढक दें। हो सके तो टाट या बर्लेप के पर्दे लटकाकर गौशाला के किनारों पर पानी छिड़कें।
4. जानवरों को पीने के लिए ठंडा पानी दिया जाना चाहिए, नमक और गुड़ के साथ बेहतर होगा। इस तरह प्रबंधन से गर्मियों में कम दूध उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।
गर्मियों में दुधारू पशुओं के हीट स्ट्रोक (लू लगना) का इलाज कैसे करें ?
हीटस्ट्रोक (लू लगना) के घरेलू उपाय अक्सर फायदेमंद होते हैं। पानी में बर्फ डालें, बीमार पशु को बार-बार उस ठंडे पानी से धोएं, या ठंडे पानी में बोरी या कपड़ा भिगोकर शरीर पर रखें। जिससे त्वचा के नीचे की नसें सिकुड़ेंगी और पशु हीट स्ट्रोक से बचे रहेंगे।
यदि उपलब्ध हो तो पंखे लगा देना चाहिए। रोगग्रस्त पशु को ठंडे एवं खुले स्थान पर रखना चाहिए। रोगग्रस्त पशु की त्वचा को मलना चाहिए जिससे बुखार उतर जाता है और शरीर के ऊपरी भाग में ठंडा रक्त प्रवाहित होने लगता है। बीमार पशु को पीने के लिए भरपूर पानी दें।
सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सूर्य की किरणों से बचाना चाहिए। 50 मिली प्याज का रस और 10 ग्राम जीरा पाउडर और 50 ग्राम पिसी हुई चीनी मिलाएं। हरे आम को पानी में उबालकर पानी में थोड़ा सा नमक और चीनी मिलाकर पीने से अच्छा लाभ मिलता है।