डीजल, इलेक्ट्रिक या सीएनजी ट्रैक्टर, किसानों के लिए कौन सा है सबसे फायदेमंद; जानिए खासियत और अंतर
25 अगस्त 2025, नई दिल्ली: डीजल, इलेक्ट्रिक या सीएनजी ट्रैक्टर, किसानों के लिए कौन सा है सबसे फायदेमंद; जानिए खासियत और अंतर – देश में बदलते कृषि परिदृश्य और बढ़ती ईंधन कीमतों के बीच अब ट्रैक्टर चुनना केवल एक सामान्य फैसला नहीं रह गया है। आज के किसान ईंधन खर्च, पर्यावरण पर असर और रखरखाव जैसे कई पहलुओं को ध्यान में रखकर ट्रैक्टर खरीद रहे हैं। बाजार में अब डीजल, इलेक्ट्रिक, सीएनजी और यहां तक कि एथेनॉल से चलने वाले ट्रैक्टर भी उपलब्ध हैं। लेकिन किसान इस उलझन में रहते हैं कि इनमें से कौन सा ट्रैक्टर उनके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है? आपकी इसी उलझन को खत्म करने के लिए हम यहां तीन प्रमुख विकल्प डीजल, इलेक्ट्रिक और सीएनजी ट्रैक्टर फायदे, नुकसान और अंतर को विस्तार से बता रहे हैं ताकि किसान सही फैसला ले सकें।
डीजल ट्रैक्टर
डीजल ट्रैक्टर लंबे समय से किसानों की पहली पसंद रहे हैं। ये ट्रैक्टर अपनी ताकत, भरोसेमंद इंजन और भारी भरकम कामों को आसानी से संभालने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। ग्रामीण इलाकों में डीजल आसानी से उपलब्ध होता है, जिससे इन ट्रैक्टरों का उपयोग और भी सुविधाजनक हो जाता है। एक बार ईंधन भरने के बाद ये ट्रैक्टर पूरे दिन काम कर सकते हैं, जो बड़ी जमीन और व्यस्त शेड्यूल वाले किसानों के लिए लाभदायक है।
हालांकि, इनकी सबसे बड़ी समस्या लगातार बढ़ती ईंधन कीमतें और पर्यावरण को होने वाला नुकसान है। साथ ही, इसके इंजन का रखरखाव और सर्विसिंग खर्च भी अपेक्षाकृत अधिक होता है।
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर
इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर नई तकनीक का प्रतीक हैं और किसानों को एक पर्यावरण-अनुकूल और किफायती विकल्प प्रदान करते हैं। ये ट्रैक्टर बिना किसी धुएं और शोर के काम करते हैं, जिससे खेतों और गांवों में शांति बनी रहती है। चार्जिंग से चलने के कारण इनकी ईंधन लागत लगभग शून्य होती है।
हालांकि, इनकी बैटरी रेंज सीमित होती है, जिससे ये बड़े खेत या लंबे समय तक लगातार काम के लिए उपयुक्त नहीं होते। इसके अलावा, ग्रामीण इलाकों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भी एक बड़ी चुनौती है। फिर भी, छोटे और मध्यम किसानों के लिए, जिनके पास बिजली की सुविधा है, यह एक भविष्यवादी और किफायती विकल्प बन सकता है।
सीएनजी ट्रैक्टर
सीएनजी ट्रैक्टर धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं क्योंकि ये ईंधन खर्च में काफी बचत कराते हैं और डीजल की तुलना में पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाते हैं। सरकार की तरफ से सीएनजी वाहनों को सब्सिडी और तकनीकी समर्थन भी दिया जा रहा है, जिससे यह विकल्प और भी आकर्षक हो गया है। इन ट्रैक्टरों का रखरखाव अपेक्षाकृत आसान है और चलने की लागत कम आती है।
हालांकि, अब भी हर क्षेत्र में सीएनजी स्टेशन उपलब्ध नहीं हैं, और किसानों को किट इंस्टॉलेशन या तकनीकी जानकारी की जरूरत पड़ सकती है। फिर भी, जहां सीएनजी की सुविधा उपलब्ध है, वहां यह एक बेहतर और सस्ता विकल्प बन सकता है।
किसानों के लिए कौन सा ट्रैक्टर है सही?
ट्रैक्टर का चुनाव किसान की ज़रूरत, बजट और क्षेत्रीय सुविधाओं पर निर्भर करता है:
1. भारी काम और लंबी दूरी के लिए: डीजल ट्रैक्टर अब भी सबसे भरोसेमंद विकल्प हैं।
2. छोटे या मध्यम काम और पर्यावरण की चिंता हो, तो इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर बेहतर विकल्प हैं।
3. कम ईंधन खर्च और सरकारी लाभ के लिहाज से सीएनजी ट्रैक्टर अच्छा विकल्प हो सकता है, बशर्ते कि आपके इलाके में फ्यूल स्टेशन हो।
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