Uncategorized

समस्या- जीरे की फसल लेना चाहता हूं, कृपया इसे उगाने के लिए आवश्यक तकनीकी बतायें।

समाधान- जीरा एक नगदी फसल है। आप निमन बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए ही जीरे की खेती कर सकते हैं।

  • जीरे के लिये मध्यम जलवायु व कम वायुमंडलीय नमी की आवश्यकता होती है।
  • उचित जल निकास वाली दोमट मिट्टी अच्छी रहती है।
  • दो-तीन जुताई कर भूमि को अच्छी तरह तैयार कर लें अंतिम जुताई के पूर्व खेत में क्लोरोपाइरीफास 20 प्रतिशत चूर्ण 20 कि.ग्रा./हे. के मान से मिला ले।
  • उन्नत जातियों में आर.एस.-1, एम.सी.-43, बीजापुर-5, यू.सी.16, यू.सी.198, गुजरात जीरा-1, आर.जेड 19 में से चुनाव करें।
  • नवम्बर माह में बोनी करें।
  • बीज 12 से 15 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर मान से डालें।
  • बुआई के पूर्व बीज को इन्डोल-3, एसेटिक अम्ल के 100 पी.पी.एम.(1 मि.ली./10 लीटर पानी) घोल से उपचारित कर लें। इससे अंकुरण शीघ्र होगा।
  • जुताई समय 5-7 टन गोबर की खाद भूमि में मिला दें।
  • बुआई के पूर्व 15 किलो नत्रजन, 50 किलो स्फुर व 15 किलो पोटाश भूमि में मिला दें। 15 किलो नत्रजन बुआई के 30 दिन बाद दें। द्य पहली सिंचाई (हल्की) बुआई के तुरन्त बाद करें। सिंचाई प्रबंधन इस प्रकार करें कि भूमि में नमी बनी रहे।
  • भभूतिया रोग व माहू की निगरानी रखें। प्रकोप आरंभ होने पर नियंत्रण करें।

हरपाल सिंह राजावत, कोटा (राज.)

Advertisement
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement