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सर्दियों का प्राकृतिक टॉनिक चुकंदर

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भारतीय भोजन थाली में सलाद के रूप में चुकंदर का उपयोग काफी प्रचलित है। गहरे लाल बैंगनी रंग का यह कंद प्राय: शरीर में खून बढ़ाने के गुण के कारण खाया जाता है। लौह तत्व के अलावा चुकंदर में विटामिंस भी भरपूर पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से विटामिन ए, बी, बी 1, बी 2, बी 6 व विटामिन सी की पूर्ति सहज ही हो जाती है।
शायद कम लोग ही जानते हैं कि चुकंदर में लौह तत्व की मात्रा अधिक नहीं होती है, किंतु इससे प्राप्त होने वाला लौह तत्व उच्च गुणवत्ता का होता है, जो रक्त निर्माण के लिए विशेष महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि चुकंदर का सेवन शरीर से अनेक हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में बेहद लाभदायी है।
चुकंदर के संबंध में एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि इसके कंद के अलावा चुकंदर की हरी पत्तियों का सेवन भी बेहद लाभदायी है। इन पत्तियों में कंद की तुलना में तीन गुना लौह तत्व अधिक होता है। पत्तियों में विटामिन ए भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
कंद व इसकी पत्तियां रक्त निर्माण के लिए व हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकालने अर्थात क्लींजर के रूप में कार्य करते हैं। चुकंदर में पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीज व रेशे की पर्याप्त मात्रा होती है। पाचन योग्य शर्करा की उपस्थिति के कारण चुकंदर का सेवन ऊर्जा भी प्रदान करता है।  ऐसा समझा जाता है कि चुकंदर का गहरा लाल रंग इसमें लौह तत्व की प्रचुरता के कारण है, बल्कि सच यह है कि चुकंदर का गहरा लाल रंग इसमें पाए जाने वाले एक रंगकण (बीटा सायनिन) के कारण होता है। एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के कारण ये रंगकण स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं।
चुकंदर में पाए जाने वाले फोलिक एसिड, पोटेशियम व मुलायम रेशा भी इसके पोषणिक गुणों को बढ़ाते हैं। चुकंदर का नियमित सेवन संपूर्ण शरीर को निरोग रखने में सहायक है।  हालांकि हमारे दैनिक आहार में चुकंदर को अभी भी उचित स्थान प्राप्त नहीं है, फिर भी इसे नियमित खाने से ना सिर्फ कई रोगों में लाभ होता है बल्कि यह त्वचा की खूबसूरती भी प्रदान करता है। इससे हिमोग्लोबिन बढ़ता है फलस्वरूप चेहरे की लालिमा बढ़ती है।

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