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जैविक उत्पादों की विपणन व्यवस्था आवश्यक : श्री स्वाई

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प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आर.के. स्वाई ने गत दिनों राज्य स्तरीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जैविक कृषि उत्पादों की उपज बढ़ाने के साथ उन आवश्यकताओं को चिन्हित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिये जिससे कि इन उत्पादों के विपणन संबंधी कठिनाईयों को दूर किया जा सके।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने कहा मंडियों में जैविक उत्पादों के विक्रय के लिये पृथक से शेड्स बनाये जा रहे हैं। प्रदेश में 6 नई कीटनाशक गुण नियंत्रक प्रयोगशालाओं में से एक को जैविक खाद और कीटनाशकों की जांच के लिये सुरक्षित किया जाना भी विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि दुग्ध महासंघ, मध्यप्रदेश कन्र्सोशियम तथा विंध्य वैली हर्बल आदि के सहयोग से जैविक उत्पादों की मार्केटिंग बढ़ाई जाये। प्रमुख सचिव ने कहा कि जैविक कृषि में फसल विविधता के साथ ही उद्यानिकी, पशुपालन और मछली पालन आदि को भी सम्मिलित करें जिससे कि किसान को पूर्ण कालिक आय हासिल होती रहे।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि चुने गये 880 क्लस्टर्स में फार्म स्कूलों के माध्यम से किसानों को जैविक खेती के प्रशिक्षण दें। जैविक उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु सैम्पलिंग तथा टेस्टिंग के लिये प्रोटोकॉल तैयार करें।
इस अवसर पर दुग्ध संघ के प्रबंध संचालक श्री शोभित जैन, जैविक प्रमाणीकरण संस्था के प्रबंध संचालक श्री आर.एस. चर्मकार, मुख्य वन संरक्षक श्री आशीष अग्रवाल, मंडी बोर्ड के अपर संचालक डॉ. हरदयाल वर्मा, संयुक्त संचालक कृषि श्री के.पी. अहरवाल, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान तथा कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक, जैविक कृषि उत्पादक किसान सम्मिलित हुए।
उप संचालक जैविक प्रमाणीकरण श्री जितेन्द्र परिहार ने जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया पर प्रस्तुति दी। उप संचालक श्री प्रशांत दुबे व श्री एम.डी. धुर्वे और सहायक संचालक डॉ. आर.पी. परमार जैविक ने कार्यक्रम समन्वय किया। श्री ए.के. राठौर और आर.के. राय सहायक संचालक तथा जैविक निरीक्षक श्री ए.बी. मिश्रा ने प्रबंधकीय सहयोग प्रदान कर आयोजन को सफल बनाया।

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