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राज्य कृषि समाचार (State News)

आंध्र प्रदेश में ई-क्रॉप सर्वे की अंतिम तारीख बढ़ी, अब 25 अक्टूबर तक कराएं पंजीकरण

06 अक्टूबर 2025, भोपाल: आंध्र प्रदेश में ई-क्रॉप सर्वे की अंतिम तारीख बढ़ी, अब 25 अक्टूबर तक कराएं पंजीकरण – आंध्र प्रदेश सरकार ने खरीफ सीजन 2025 के लिए चल रहे ई-क्रॉप डिजिटल सर्वे की समयसीमा बढ़ा दी है। अब किसान अपनी भूमि और फसल का पंजीकरण 25 अक्टूबर 2025 तक करा सकेंगे। कृषि निदेशक टी. विजया कुमार दिल्ली राव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि राज्यभर में अभी तक अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है, जिस कारण यह निर्णय लिया गया है।

राज्य सरकार का लक्ष्य इस बार 100% भूखंडों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना है ताकि सभी कृषि योजनाओं को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लागू किया जा सके। अब तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य के कुल 290 लाख भूखंडों में से केवल 88 लाख (लगभग 36%) का ही पंजीकरण हो पाया है। इस धीमी प्रगति के पीछे कई प्रशासनिक और मौसमी कारण सामने आए हैं, जैसे कि रायथु सेवा केंद्र कर्मचारियों का तबादला, सचिवालय से जुड़े सर्वेक्षण कार्य, बीज व उर्वरक वितरण में व्यस्तता, तथा कुछ जिलों में भारी वर्षा।

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जिलावार प्रगति और कमजोर प्रदर्शन

ई-क्रॉप पंजीकरण में कुछ जिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कृष्णा, ईस्ट गोदावरी और काकीनाडा जैसे जिलों में 50% से अधिक भूखंडों का पंजीकरण पूरा हो चुका है। वहीं दूसरी ओर, वाईएसआर कडपा, चित्तूर, अनकापल्ली, विशाखापट्टनम और अल्लूरी सीतारामराजू जैसे जिलों में यह आंकड़ा 22% से भी नीचे रहा है, जो चिंता का विषय है।

इस अंतर को देखते हुए कृषि विभाग ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे पंजीकरण की दैनिक समीक्षा करें और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती करें। साथ ही रायथु सेवा केंद्रों के कर्मचारियों को अन्य कार्यों से मुक्त रखने और ग्राम राजस्व अधिकारियों (VROs) को सत्यापन कार्य में शामिल करने के आदेश भी दिए गए हैं।

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महत्वपूर्ण तिथियाँ और आगामी प्रक्रिया

– पंजीकरण की अंतिम तिथि: 25 अक्टूबर 2025
-सामाजिक ऑडिट, सुधार और संशोधन: 30 अक्टूबर 2025 तक
-अंतिम सूची का प्रकाशन: 31 अक्टूबर 2025

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कृषि निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह डिजिटल डाटा भविष्य में सभी किसान कल्याण योजनाओं, सब्सिडी वितरण, और फसल बीमा लाभ के लिए आधार बनेगा। ऐसे में किसानों से अपील की गई है कि वे समय रहते अपने खेत और फसल का पंजीकरण अनिवार्य रूप से करवाएं।

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