राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़ के चाय बागानों और बांस उद्योग को मिलेगा असम की विशेषज्ञता का लाभ

15 फरवरी, 2021, रायपुर। छत्तीसगढ़ के चाय बागानों और बांस उद्योग को मिलेगा असम की विशेषज्ञता का लाभ – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने असम के अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन जोरहाट में असम के उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल मुलाकात की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की विशेषताओं के साथ यहां चाय की खेती और बांस तथा लघु वनोपज आधारित उद्योगों की संभावनों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंनेे चर्चा के दौरान इन उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में चाय और बांस उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर चाय उत्पादकों के साथ साथ विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि मौजूद थे। असम के उद्योगपतियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को हाथ से तैयार की गई विशेष चाय भी भेंट की।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने असम के उद्योगपतियों को बताया कि छत्तीसगढ़ में उद्योग हितैषी वातारण है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों को नई सहुलियतें देने के लिए उद्योगपतियों से चर्चा कर नई उद्योग नीति तैयार की गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघुवनोपज के साथ ही बागवानी फसलों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं। उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय और बांस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि उन्हें हर संभव मदद सहायता और प्रोत्साहन दिया जाएगा।

Advertisement
Advertisement

इस अवसर पर असम चेम्बर ऑफ कामर्स जोरहाट के अध्यक्ष श्री प्रशांतकांत सैकिया और सचिव श्री पबित्र बोरथाकुर नार्थ ईस्ट स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जोरहाट के अध्यक्ष श्री अमरीक सिंह, एडियोबैरी टी ईस्टेट के डायरेक्टर श्री राज बरूआ, ब्रेवरेज इंस्ट्रीज के प्रतिनिधि श्री अक्षय दत्ता, चाय उद्योग के प्रतिनिधि श्री नीलेश जैन, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि श्री दिलीप अग्रवाल सहित अनेक उद्योगपति उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ में 44 प्रतिशत जंगल है। बड़ी मात्रा में लघुवनोपज होता है। अभी 52 लघुवनोपज को समर्थन मूल्य के दायरे में लाया गया है। राज्य में वनवासियों की आय में बढ़ोत्तरी और उन्हें सतत रूप से रोजगार देने के लिए लघुवनोपजों के प्रसंस्करण और वेल्यु एडिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ धान उत्पादन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। यहां गन्ने की फसल भी बड़े स्तर पर ली जा रही है। उन्होंने धान और गन्ने से एथानाल उत्पादन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में अब फलों और बागवानी फसलें भी बड़े पैमाने में ली जाती है, इनके प्रसंस्करण उद्योगों की यहां विपुल संभवनाएं है।

Advertisement8
Advertisement

जशपुर जिले का मौसम चाय की खेती के लिए अनुकूल है, वहां के मौसम के अनुकूल वहां चाय के बागान को प्रोमोट किया जा रहा है। उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय उद्योग की संभावनाओं की जानकारी दी और इन क्षेत्रों में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

Advertisement8
Advertisement

मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को बागवानी और कृषि के क्षेत्र में उद्योग लगाने की संभावनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के कई अंचलों में टमाटर की बड़े पैमाने पर फसल ली जाती है। यहां का टमाटर पाकिस्तान तक जाता है। वन क्षेत्रों में बांस का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है। वनवासियों को इन सबके माध्यम से रोजगार दिया जा रहा है। बांस शिल्प के क्षेत्र में भी यहां के उद्योगपति वेल्यू एडिशन कर उद्योग स्थापित कर सकते हैं। 

 

Advertisements
Advertisement5
Advertisement