नाबार्ड का फोकस माइक्रो सिंचाई, खाद्य प्रसंस्करण एवं एफपीओ फाइनेंसिंग पर
17 जनवरी 2025, बड़वानी: नाबार्ड का फोकस माइक्रो सिंचाई, खाद्य प्रसंस्करण एवं एफपीओ फाइनेंसिंग पर – कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग ने नाबार्ड द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए तैयार की गयी पीएलपी (पोटैन्श्यल लिंक्ड क्रेडिट प्लान) का विमोचन किया। विमोचन के अवसर पर श्री विजेंद्र पाटिल डीडीएम नाबार्ड, श्री संदीप अग्रवाल एलडीएम बड़वानी एवं श्री संजु बरवरे निदेशक आरसेटी बड़वानी बैठक में उपस्थित थे।
डीडीएम नाबार्ड ने बताया कि बड़वानी जिले के लिए 3940.29 करोड़ की ऋण योजना बनाई गयी हैं। इसी के आधार पर जिले की वार्षिक साख योजना बनायी जाएगी। यह ऋण आकलन भारत सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं/नीतियों में बदलाव से उत्पन्न संभावनाएं , आधारभूत / सहायक सुविधाओें में सुधार, स्केल ऑफ फ़ाइनेंस, यूनिट कॉस्ट, सब्सिडी योजनाओं इत्यादि संभावित उपलब्धि, गत वर्षाे में बैंकों की उपलब्धियों, पिछले आधार स्तरीय ऋण प्रवाह को ध्यान में रख कर किया गया है। कृषि क्षेत्र हेतु 2475.97 करोड़, एमएसएमई क्षेत्र हेतु 1260 करोड़ तथा अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 204.50 करोड़ का आँकलन किया गया है। कृषि मियादी ऋण 973.84 करोड़ का आकलन किया गया है जो कुल कृषि ऋण का लगभग 40 प्रतिशत है।
वर्ष 2025-26 के लिए नाबार्ड ने एसएचजी / जेएलजी वित्तपोषन, सिंचाई सुविधाओं में विस्तार, वेयर हाउसिंग, डेयरी विकास में सुधार, कृषक उत्पादन संगठन, जलवायु कार्रवाई और वित्त, सहकारी संस्था इत्यादि जैसे क्षेत्रों पर ज़ोर देने की आवश्यकता जताई है। उच्च मूल्य वाली कृषि के साथ-साथ संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली नर्सरियों, हैचरी, मछली बीज फार्म आदि की आवश्यकता है। कृषि आधारित अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित क्षमता को प्राप्त करने के लिए कृषि उपज और कृषि प्रसंस्कृत उत्पादों के विपणन चैनलों को बढ़ाने की आवश्यकता है। नाबार्ड कई विकास गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, जिसमें स्वयं सहायता समूह/ संयुक्त देयता समूह प्रोमोटिंग संस्थान, एफपीओ , कार्यशालाओं का आयोजन, सेमिनार, प्रशिक्षण शिविर,जल संसाधन के माध्यम से प्रकृतिक संसाधन प्रबंधन, जल ग्रहण विकास कार्यक्रम, गैर कृषि क्षेत्र के लिए ऋण आधारित प्रशिक्षण इत्यादि प्रमुख हैं।
डीडीएम नाबार्ड ने सभी बैंक को फूड- एग्रो प्रोसेसिंग, एफपीओ फाइनेंसिंग एवं नाबार्ड द्वारा वित्तपोषित नागलवाड़ी लिफ्ट सिंचाई योजना से लाभान्वित क्षेत्रों में माइक्रो (ड्रिप/स्प्रिंकलर) इरीगेशन के लिए ऋण प्रवाह बढ़ाने पर ज़ोर दिया। कलेक्टर डॉ. फटिंग ने निर्देशित किया कि बैंकों, सरकारी विभागों और गैर सरकारी संगठनों को वर्ष 2025-26 के लिए जिलो में मूल्यांकित समग्र ऋण क्षमता को मूर्त रूप देने के लिए मिलकर विशेष रूप से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में पूंजी निर्माण की गति को तेज करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कार्य करना होगा।
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