राज्य कृषि समाचार (State News)

शीत ऋतु में फसलों के बचाव के लिए किसान करें यह उपाय

23 दिसंबर 2025, खंडवा: शीत ऋतु में फसलों के बचाव के लिए किसान करें यह उपाय –  दिसम्बर के अंतिम सप्ताह से व जनवरी माह में शीतलहर का दौर शुरू होना संभावित रहता है। शीतलहर के कारण फसलों में पौधे की पत्तियां व फूल झुलसते और बाद में झड़ जाते हैं। शीतलहर का अत्यधिक असर दलहनी-तिलहनी, धनिया, मटर व आलू की फसलों पर पड़ता है। दिसम्बर व जनवरी में रात के समय तापमान कम होने से पौधों की पत्तियों पर पाले का प्रकोप रात 12 से सुबह 4 बजे के बीच अधिकांश होता है। पाले से प्रभावित फसल व पौधों की पत्तियों पर पानी की बूंद जमा हो जाती है, पत्तियों की कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पत्तियां सूखकर झड़ने लगती हैं।

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 उप संचालक कृषि श्री नीतेश यादव ने बताया कि पाले से बचाव के लिए रात्रि में खेत की मेढ़ों पर कचरा तथा खरपतवार आदि जलाकर धुंआ करें। फसलों में खरपतवार नियंत्रण करना भी आवश्यक है, क्यांेकि खेतों में होने वाले खरपतवार अनावश्यक मल्चिंग तथा जंगली पौधे सूर्य की उष्मा भूमि तक पहुँचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। इसके अलावा 8 से 10 कि.ग्रा. सल्फर डस्ट प्रति एकड का भुरकाव अथवा वेटेबल या घुलनशील सल्फर 200 ग्राम या ग्लूकोस पाउडर 500 ग्राम बनाकर या प्रति थायो यूरिया 500 ग्राम या पोटेशियम सल्फेट (0ः0ः50) 200 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी में घोल छिड़काव करें। साइकोसिल 400 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें ।

उप संचालक कृषि श्री यादव ने बताया कि जिले में कभी कभी कहीं कहीं पर मावठा गिरने की भी सम्भावना रहती है, जिससे चना फसल में फूल गिरने की समस्या हो सकती है। “नेफथाइल एसीटिक एसिड” की 4.5 मिली लीटर प्रति पंप छिड़काव करने से इस समस्या से बचा जा सकता है। जिले में कहीं कहीं पर गेहूँ और चने की फसलों में पत्तियां पीली पड़ने की समस्या देखने में आ रही है। यह समस्या होने पर बिक्साफेन 75 ग्राम/लीटर, प्रोथियोकोनाज़ोल 150 ग्राम/लीटर का 50 मिली लीटर प्रति पंप अथवा मेटालेक्सिल-एम 3.3 प्रतिशत + क्लोरोथैलोनिल 33.1 प्रतिशत का 2 मिली लीटर प्रति लिटर का छिड़काव करें।

उप संचालक कृषि ने बताया कि गेहूं की फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप कहीं कहीं पर देखने में आ रहा है, जिसके नियंत्रण के लिए फिप्रोनिल 40 प्रतिशत + इमिडाक्लोप्रिड 40 प्रतिशत वेटेबल ग्रेन्यूल 10 ग्राम प्रति पंप अथवा क्लोरपाइरीफॉस 50 ईसी मात्रा 1 लीटर प्रति एकड़ सिचाई पानी के माध्यम से देवें। उन्होंने बताया कि मक्का फसल में फाल आर्मी वर्म का प्रकोप होने पर नोवालुरोन 5.25 प्रतिशत + इंडोक्साकार्ब 4.5 प्रतिशत एस.सी. या सस्पेंशन कॉन्सेन्ट्रेट अथवा नोवालुरोन 5.25 प्रतिशत + इमामेक्टिन बेंजोएट 0.9 प्रतिशत एस.सी. या सस्पेंशन कॉन्सेन्ट्रेट 35 मिली लीटर प्रति पंप के हिसाब से छिडकाव करें तथा “टी” आकर की 20 खूंटियाँ प्रति एकड़ लगाने से भी  कीट  का नियंत्रण किया जा सकता है।

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