छत्तीसगढ़ में किसानों को मिली ‘मिलेट मिक्सी’ मशीनें, पोषण और आमदनी में होगा सुधार
26 जुलाई 2025, भोपाल: छत्तीसगढ़ में किसानों को मिली ‘मिलेट मिक्सी’ मशीनें, पोषण और आमदनी में होगा सुधार – छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में किसानों और ग्रामीण परिवारों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने और आमदनी बढ़ाने की दिशा में एक नई पहल की गई है। जिला प्रशासन ने गीदम विकासखंड के 20 किसानों को कोदो, कोसरा और रागी जैसे पारंपरिक अनाजों की प्रोसेसिंग के लिए “मिलेट मिक्सी” मशीनें वितरित की हैं।
इसका उद्देश्य है कि किसान अब अपने ही घर पर इन अनाजों की सफाई और पीसाई कर उन्हें खान-पान में शामिल कर सकें। साथ ही, वे अपनी पैदावार को बाजार में बेहतर दामों पर बेचकर आमदनी भी बढ़ा सकें। इससे न सिर्फ किसानों को फायदा होगा, बल्कि गांवों में पोषण स्तर में भी सुधार आएगा। इस मौके पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप ने मिलेट उत्पादक किसानों को बधाई दी और इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि मिलेट्स खेती के साथ-साथ पोषण और स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं, और यह कदम किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा।
सभी किसानों को मिलेगी प्रोसेसिंग सुविधा
जिला प्रशासन ने बताया कि आने वाले समय में योजनांतर्गत सभी मिलेट उत्पादक किसानों को प्रोसेसिंग उपकरण दिए जाएंगे। साथ ही, गांवों में प्रशिक्षण और विपणन की जानकारी भी दी जाएगी ताकि किसान इन अनाजों से अधिक लाभ कमा सकें। यह पहल दंतेवाड़ा को एक ‘मिलेट आधारित पोषण मॉडल जिला’ बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
वितरण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान हुए शामिल
मशीन वितरण कार्यक्रम का आयोजन जिला पंचायत सदस्य एवं कृषि विभाग की सभापति श्रीमती ममता मंडावी की मुख्य आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। इस अवसर पर मिलेट्स से जुड़ी जानकारी और उनके लाभों पर भी चर्चा की गई।
16 हजार हेक्टेयर में होती है मिलेट्स की खेती
दंतेवाड़ा जिले में करीब 16,000 हेक्टेयर भूमि में कोदो, कोसरा और रागी जैसी मिलेट्स फसलों की खेती की जाती है। ये अनाज फाइबर, आयरन, कैल्शियम, जिंक और विटामिन-बी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
इनका सेवन मधुमेह, मोटापा और कब्ज जैसी समस्याओं में फायदेमंद माना जाता है। खासकर रागी में सबसे अधिक कैल्शियम पाया जाता है, जो बच्चों और महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक है।
पर्यावरण के लिए भी अनुकूल हैं ये फसलें
इन मिलेट्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन्हें कम पानी और खाद में भी आसानी से उगाया जा सकता है, जिससे ये पर्यावरण के लिए भी अनुकूल हैं। इस प्रकार, ये फसलें न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएंगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पोषण सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाएंगी।
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