कोदो की खेती से खुशहाल हो रहे किसान, कम लागत में मिल रहा बेहतर लाभ
16 जुलाई 2025, भोपाल: कोदो की खेती से खुशहाल हो रहे किसान, कम लागत में मिल रहा बेहतर लाभ – छत्तीसगढ़ में धान की खेती के साथ-साथ अब किसानों का रुझान लाभकारी और पोषण से भरपूर फसलों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर पर वनांचल क्षेत्र के गांवों में कोदो की खेती करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कम लागत, कम मेहनत और अधिक मुनाफा देने वाली इस फसल की मांग बढ़ने के साथ ही इसके रकबे में भी हर साल इजाफा हो रहा है।
गांवों में कोदो की खेती का विस्तार
बालोद जिले के गुरूर विकासखंड के ग्राम बड़भूम, पेटेचुवा, दुग्गा बाहरा, कर्रेझर सहित कई गांवों में इस बार किसानों ने बड़े पैमाने पर कोदो की खेती शुरू की है। किसान अब सिर्फ धान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक और बाजार में अच्छी कीमत देने वाली कोदो फसल की तरफ बढ़ रहे हैं।
कृषक धनीराम की बदलती कहानी
गुरूर विकासखंड के वनग्राम दुग्गा बाहरा के किसान श्री धनीराम ने खरीफ 2025-26 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ्तार) के तहत मिले सहयोग से 3 एकड़ जमीन में कोदो की खेती की है। पहले वे केवल धान की खेती करते थे, लेकिन कृषि विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों और तकनीकी जानकारी देने के बाद उन्होंने कोदो की खेती शुरू की। अब कम लागत में अच्छा उत्पादन और मुनाफा मिल रहा है।
कोदो की खेती पर मिल रहा अनुदान
धान के स्थान पर कोदो जैसी वैकल्पिक फसल अपनाने वाले किसानों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत प्रति एकड़ 11,000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इससे किसानों को आर्थिक मजबूती मिल रही है। कोदो की खेती से किसान कम खर्च में ज्यादा फायदा कमा रहे हैं और बाजार में इसकी अच्छी मांग भी बनी हुई है।
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है कोदो
कोदो सिर्फ मुनाफे की फसल नहीं बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, आवश्यक विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। कोदो मधुमेह, मोटापा और हृदय रोग जैसी बीमारियों की रोकथाम में भी मददगार मानी जाती है। इसकी खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग भी कम होता है, जिससे किसानों का खर्च घटता है और स्वास्थ्य के लिए भी यह सुरक्षित रहती है।
उच्च भूमि पर भी अच्छा उत्पादन
कोदो की खासियत यह है कि यह उच्च भूमि या कम उपजाऊ जमीन पर भी अच्छी उपज देती है। कम पानी में तैयार हो जाने वाली यह फसल खेती के लिए सुरक्षित विकल्प बन रही है। किसान इसे अपनाकर कम पानी, कम खर्च में बेहतर उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं।
कृषि विभाग कर रहा है लगातार मदद
कृषि विभाग द्वारा किसानों को कोदो की खेती के लिए तकनीकी जानकारी और हर संभव सहायता दी जा रही है। विभाग के अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को कोदो की उपयोगिता और इसके फायदों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। किसानों के बीच इस फसल को लेकर सकारात्मक माहौल बन रहा है और धीरे-धीरे रकबा बढ़ता जा रहा है।
किसानों के लिए फायदेमंद सौदा
कोदो की खेती किसानों के लिए अब फायदे का सौदा साबित हो रही है। कम लागत में ज्यादा मुनाफा और सेहत के लिए लाभकारी होने के कारण इस फसल की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। कृषि विभाग के सहयोग और सरकारी अनुदान के कारण वनांचल क्षेत्र के किसान अब कोदो की खेती को बड़े स्तर पर अपना रहे हैं
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