छत्तीसगढ़: महिलाओं कृषकों को मिला आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रशिक्षण, 250 से अधिक महिलाओं ने लिया भाग
26 सितम्बर 2025, रायपुर: छत्तीसगढ़: महिलाओं कृषकों को मिला आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रशिक्षण, 250 से अधिक महिलाओं ने लिया भाग – छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के धरसीवां विकासखंड अंतर्गत ग्राम सिलतरा में “महिला कृषकों के लिये उपयुक्त सहयोगी कृषि उपकरण” विषय पर तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 22 सितंबर से 24 सितंबर 2025 तक आयोजित किया गया, जिसमें सिलतरा सहित आसपास के गांव जैसे मटिया, बरबंदा, टांडा, नेउरडीह से जुड़ी कृषक उत्पादक संगठनों और महिला समूहों की लगभग 250 महिलाओं ने भाग लिया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन केन्द्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान, ट्रैक्टर नगर, बुदनी (मध्यप्रदेश), राज्य स्तरीय कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य महिला कृषकों को कृषि मशीनीकरण से जोड़ते हुए उन्हें उपयुक्त एवं सुविधाजनक कृषि यंत्रों की जानकारी देना था, जिससे वे अपनी कृषि कार्यप्रणाली को आधुनिक एवं कम श्रमयुक्त बना सकें।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और महत्व
प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन, पंजीयन उपरांत प्रतिभागियों को कार्यक्रम की रूपरेखा से अवगत कराया गया। साथ ही बुदनी संस्थान में वर्षभर चलने वाले निशुल्क आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। महिलाओं को बताया गया कि इन प्रशिक्षणों से ना केवल वे स्वयं सक्षम बन सकती हैं, बल्कि गाँव के अन्य युवाओं को भी स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित कर सकती हैं। उल्लेखनीय है कि इन प्रशिक्षणों की पूरी जानकारी संस्थान की वेबसाइट https://fmttibudni.gov.in पर तिथिवार उपलब्ध है। यह संस्थान भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होता है और वर्ष 1955 से कृषि क्षेत्र के मशीनीकरण को बढ़ावा देने में कार्यरत है।
महिला कृषकों को यंत्रों की व्यावहारिक जानकारी
दूसरे दिन प्रशिक्षण में महिलाओं को निंदाई-गुड़ाई एवं उद्यानिकी फसलों के लिए उपयोगी यंत्र जैसे – खुरपी, सेरेटेड हंसिया, हैण्ड हो, सिकेटियर, ट्री प्रूनर, हेज सियर (कैंची) आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इसके साथ ही हैण्ड स्प्रेयर, हस्तचलित नैपसेक स्प्रेयर, बैटरी चलित नैपसेक स्प्रेयर, तथा इंजन चालित नैपसेक स्प्रेयर का प्रदर्शन कर उनके उपयोग की तकनीकी जानकारी भी प्रदान की गई।
तीसरे दिन महिलाओं को इंजन चालित वीडर (निंदाई के लिए), ब्रश कटर (झाड़ियों की कटाई-छंटाई के लिए), और डिबलर (बीजों को समान दूरी पर बोने के लिए) के संचालन का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा चाफ कटर, मिनी राइस मिल और मसाला मशीन के उपयोग और संभावित लाभों पर चर्चा की गई। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं ने यंत्रों से संबंधित कई प्रश्न पूछे, जिनका समाधान विशेषज्ञों द्वारा तत्परता से किया गया।
विशेषज्ञों की उपस्थितिप्रशिक्षण में तकनीकी मार्गदर्शन हेतु केन्द्रीय कृषि मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान, बुदनी से श्री रॉय सिंह गुर्जर, कोमल सिंह (वरिष्ठ तकनीशियन), राज्य स्तरीय कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला, रायपुर से आलोक पाल (सहायक अभियंता), प्रवीण वर्मा (यांत्रिक सहायक) तथा कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर से डॉ. राजेश कुमार अग्रवाल (विषय वस्तु विशेषज्ञ) उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त एफपीओ सत्य साई महिला बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति, टेकारी की अध्यक्ष गिरिजा बंजारी भी मौजूद थीं, जिन्होंने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और तकनीकी जानकारी से लैस होकर कृषि में नवाचार अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
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