राज्य कृषि समाचार (State News)

चाय के उत्पादन के लिए बिहार सरकार किसानों को कर रही प्रोत्साहित

आय में बढ़ोतरी कराने के लिए अनुदान-सहायता राशि/

04 सितम्बर 2024, पटना: चाय के उत्पादन के लिए बिहार सरकार किसानों को कर रही प्रोत्साहित – बिहार सरकार क्षेत्र के किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन कर रही है। इसके तहत वहां की सरकार चाय की खेती के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान-सहायता राशि दे रही है। ताकि क्षेत्र के किसान चाय की खेती के लिए नया क्षेत्र विस्तार करने के साथ ही मौजूदा चाय की खेती के बेहतर रूप से प्रबंधन कर सकें।

Advertisement
Advertisement

चाय के क्षेत्र विस्तार के लिए चाय के पौध रोपण सामग्री की खरीद खुद किसान के द्वारा किया जाएगा।  चाय की खेती करने वाले कृषकों को देय अनुदान दो किस्तों में 75:25 के अनुसार दिया जाएगा। इस घटक हेतु लाभुक किसान को द्वितीय किस्त के रूप में पूर्व वर्ष में लगाए गए पौधे का 90% पौधे जीवित रहने की स्थिति में वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रति है। बाकी देय 25% राशि का भुगतान किया जाएगा। 

प्रति हेक्टेयर प्रति यूनिट लागत 4.94 लाख रुपये तय

बिहार सरकार उद्यान निदेशालय के मुताबिक, चाय का नया क्षेत्र विस्तार के लिए प्रति हेक्टेयर प्रति यूनिट लागत 4.94 लाख रुपये तय की गई है।  इस पर किसानों को 50% (75:25) अनुदान मिलेगा।  यानी राज्य सरकार किसान को 2.47 लाख रुपये की सब्सिडी देगी। चाय किसानों को न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर और अधिकतम 4 हेक्टेयर के लिए सब्सिडी मिलेगी।

Advertisement8
Advertisement

चाय उत्पादक किसान योजना का लाभ के लिए बिहार सरकार उद्यान निदेशालय की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर उपलब्ध ‘चाय विकास योजना’ के ‘आवेदन कर लिंक पर क्लिक पर जाएं और जरूरी डिटेल्स भरकर आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए संबंधित जिला के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क किया जा सकता है।

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement