रबी सीजन में बुआई क्षेत्र 208 लाख हेक्टेयर पार, गेहूं में 9 लाख हेक्टेयर की उछाल; श्री अन्न व तिलहन में भी तेजी
18 नवंबर 2025, नई दिल्ली: रबी सीजन में बुआई क्षेत्र 208 लाख हेक्टेयर पार, गेहूं में 9 लाख हेक्टेयर की उछाल; श्री अन्न व तिलहन में भी तेजी – देश में रबी फसलों की बुवाई इस वर्ष तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, 11 नवंबर 2025 तक कुल 208.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई पूरी की जा चुकी है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि के 188.73 लाख हेक्टेयर की तुलना में 19.46 लाख हेक्टेयर अधिक है, जो रबी सीजन की मजबूत शुरुआत का संकेत देता है।
दालों की बुवाई में उल्लेखनीय उछाल
दालों की बुवाई ने इस सीजन में विशेष बढ़त दर्ज की है। दालों के कुल रकबे में 3.88 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 52.82 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
चना 37.43 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया, जिसमें 3.39 लाख हेक्टेयर की बढ़त दर्ज हुई। मसूर का क्षेत्र भी बढ़कर 6.83 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले वर्ष से 0.74 लाख हेक्टेयर अधिक है। वहीं फील्ड मटर की बुवाई 4.75 लाख हेक्टेयर तक पहुंची, जिसमें 0.51 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई। इसके बावजूद, कुछ फसलों- जैसे उड़द, मूंग, और अन्य दालों के अंतर्गत क्षेत्रफल में हल्की कमी देखने को मिली है।
श्री अन्न एवं मोटे अनाजों का रकबा भी बढ़ा
सरकार द्वारा प्रोत्साहित की जा रही “श्री अन्न” (मिलेट्स) श्रेणी में भी ठोस वृद्धि देखी गई। इन फसलों के तहत क्षेत्र बढ़कर 15.53 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.04 लाख हेक्टेयर अधिक है।
उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज करने वाली फसलों में ज्वार सबसे आगे रहा, जिसका बुवाई क्षेत्र बढ़कर 8.82 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। मक्का की बुवाई भी मजबूत रही और यह 4.26 लाख हेक्टेयर के स्तर पर दर्ज की गई। इसके अलावा रागी, जौ और छोटे बाजरे में भी सकारात्मक प्रगति देखने को मिली है, जो इस सीजन में मोटे अनाजों की कुल बढ़ोतरी को और मजबूती देती है।
तिलहनी फसलों की बुवाई 66.17 लाख हेक्टेयर
तिलहन फसलों की बुवाई में इस वर्ष अच्छा सुधार देखने को मिला है और कुल क्षेत्रफल में 3.24 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है। तिलहनों में सबसे अधिक बढ़ोतरी रेपसीड और सरसों में हुई, जिनका क्षेत्र बढ़कर 64.23 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है—यह पिछले वर्ष की तुलना में 3.71 लाख हेक्टेयर की उल्लेखनीय बढ़त है। इसके अलावा सूरजमुखी और कुसुम की बुवाई में भी हल्का सुधार दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी ओर, मूंगफली, अलसी और तिल के तहत बोया गया क्षेत्र थोड़ा कम रहा, जिससे इन फसलों में मामूली गिरावट देखने को मिली है।
गेहूं और चावल की स्थिति
इस वर्ष देश की प्रमुख रबी फसल गेहूं का क्षेत्र बढ़कर 66.23 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष से 9.68 लाख हेक्टेयर अधिक है। उधर, धान की बुवाई भी 7.44 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई, जिसमें 0.62 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
रबी फसल क्षेत्रफल की पूरी तालिका (लाख हेक्टेयर में)
| क्रम | फसलें | सामान्य क्षेत्र (2019–24) | 2025-26 | 2024-25 | वृद्धि/कमी (2024-25) |
| 1 | गेहूँ | 312.35 | 66.23 | 56.55 | 9.68 |
| 2 | चावल | 42.93 | 7.44 | 6.82 | 0.62 |
| 3 | दालें | 140.42 | 52.82 | 48.93 | 3.88 |
| a | चना | 100.99 | 37.43 | 34.04 | 3.39 |
| b | मसूर | 15.13 | 6.83 | 6.08 | 0.74 |
| c | मटर | 6.5 | 4.75 | 4.24 | 0.51 |
| d | कुल्थी | 1.98 | 0.97 | 0.97 | 0 |
| e | उड़द | 6.16 | 0.79 | 0.98 | -0.19 |
| f | मूंग | 1.41 | 0.05 | 0.09 | -0.04 |
| g | लैथिरस | 2.79 | 1.04 | 1.18 | -0.13 |
| h | अन्य दालें | 5.46 | 0.95 | 1.36 | -0.41 |
| 4 | श्री अन्न/मोटे अनाज | 55.33 | 15.53 | 13.5 | 2.04 |
| a | ज्वार | 24.62 | 8.82 | 8.21 | 0.61 |
| b | बाजरा | 0.59 | 0.04 | 0.03 | 0.01 |
| c | रागी | 0.72 | 0.49 | 0.38 | 0.11 |
| d | छोटा बाजरा | 0.16 | 0.11 | 0.03 | 0.07 |
| e | मक्का | 23.61 | 4.26 | 3.63 | 0.63 |
| f | जौ | 5.63 | 1.83 | 1.22 | 0.61 |
| 5 | तिलहन | 86.78 | 66.17 | 62.93 | 3.24 |
| a | रेपसीड/सरसों | 79.17 | 64.23 | 60.52 | 3.71 |
| b | मूंगफली | 3.69 | 0.79 | 1.13 | -0.34 |
| c | कुसुम | 0.72 | 0.3 | 0.16 | 0.14 |
| d | सूरजमुखी | 0.79 | 0.12 | 0.08 | 0.04 |
| e | तिल | 0.48 | 0.01 | 0.02 | -0.01 |
| f | अलसी | 1.93 | 0.67 | 0.95 | -0.28 |
| g | अन्य तिलहन | 0 | 0.05 | 0.06 | -0.01 |
| कुल | — | 637.81 | 208.19 | 188.73 | 19.46 |
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