राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत में ऑयल पाम की खेती का तेजी से विस्तार, 6 लाख हेक्टेयर पहुंचा कुल क्षेत्रफल

25 अक्टूबर 2025, नई दिल्ली: भारत में ऑयल पाम की खेती का तेजी से विस्तार, 6 लाख हेक्टेयर पहुंचा कुल क्षेत्रफल – भारत में ताड़ के तेल (पाम ऑयल) की खेती तेजी से बढ़ रही है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक देश में 52,113 हेक्टेयर नई भूमि पर ऑयल पाम की बुवाई की जा चुकी है। इस विस्तार में सबसे आगे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश हैं। आंध्र प्रदेश में 13,286 हेक्टेयर और तेलंगाना में 12,005 हेक्टेयर नई भूमि पर ऑयल पाम लगाया गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़, गोवा और गुजरात जैसे राज्यों में भी इस फसल की खेती बढ़ी है।

कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- ऑयल पाम (NMEO-OP) की शुरुआत अगस्त 2021 में हुई थी और तब से अब तक कुल 2,41,000 हेक्टेयर भूमि इस मिशन के तहत लाई जा चुकी है। पूरे देश में ऑयल पाम की खेती का कुल क्षेत्रफल अब 6 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है।

Advertisement
Advertisement

अंतर फसली खेती और लाभ

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के किसान ऑयल पाम को अन्य फसलों जैसे कोको के साथ अंतर फसली खेती के रूप में अपना रहे हैं। इससे उन्हें ज्यादा लाभ मिल रहा है। पाम ऑयल की खेती पारंपरिक तिलहनी फसलों जैसे सोयाबीन, सूरजमुखी, सरसों और मूंगफली की तुलना में प्रति हेक्टेयर 10 गुना अधिक तेल देती है।

बीज और मिलों का विस्तार

वर्तमान में भारत आयल पाम के अंकुरित बीजों का आयात करता है और उन्हें नर्सरी में 18 महीने तक तैयार करता है, इसके बाद पौधों को खेतों में लगाया जाता है। इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए सरकार ने देश में बीज उद्यानों की स्थापना को मंजूरी दी है। मिशन के तहत अब तक 24 तेल मिलों को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनकी कुल क्षमता 638.5 टन प्रति घंटा है।

Advertisement8
Advertisement

पाम ऑयल से मिल सकता है चार गुना तक मुनाफा

ऑयल पाम की खेती किसानों के लिए अधिक लाभदायक साबित हो रही है। यह फसल चार गुना तक अधिक मुनाफा देती है, इसमें देखभाल कम लगती है और रोगों का खतरा भी अपेक्षाकृत कम होता है। भारत अपनी खाद्य तेल की कुल मांग का 57 प्रतिशत आयात करता है, जिसमें पाम ऑयल की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। ऑयल पाम की खेती बढ़ाकर भारत इस आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

Advertisement8
Advertisement

आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture

Advertisements
Advertisement5
Advertisement