राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

किसानों के लिए नई योजना: अब फसल दूसरे राज्यों और बाजारों तक पहुंचाना होगा आसान

25 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: किसानों के लिए नई योजना: अब फसल दूसरे राज्यों और बाजारों तक पहुंचाना होगा आसान – केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को उनकी उपज को दूसरे राज्यों और बाजारों तक पहुंचाने में मदद के लिए एक नई योजना पर काम कर रही हैं। यह कदम भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और इसकी जीडीपी में 18% योगदान को और बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है। इसके साथ ही सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, जल संसाधनों के कुशल उपयोग, और शोधकर्ताओं व किसानों के बीच की दूरी को पाटने के लिए प्रयासरत है।

गोकले संस्थान के कार्यक्रम में की बड़ी घोषणा

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को गोकले इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (AERC) के प्लेटिनम जुबली समारोह के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है जिससे किसानों की उपज को दूरस्थ स्थानों तक आसानी से पहुंचाया जा सके।” यह जानकारी सरकारी बयान के माध्यम से साझा की गई।

Advertisement
Advertisement

कृषि मंत्री ने बताया कि भारतीय कृषि क्षेत्र का देश की जीडीपी में 18% योगदान है और सरकार इसे और सशक्त बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, “आज के समय में हमें प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने की आवश्यकता है, और इसे पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाना होगा।”

Advertisement8
Advertisement

नदी जोड़ने की परियोजना का लाभ

मंत्री ने जानकारी दी कि आगामी 25 दिसंबर को नदी जोड़ने की परियोजना की शुरुआत की जाएगी, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने ऐसे तकनीकी विकास का आह्वान किया जिससे कम पानी में अधिक सिंचाई की जा सके।

Advertisement8
Advertisement

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रयोगशाला में किए गए शोध को खेतों तक ले जाना जरूरी है और शोधकर्ताओं को केवल लैब तक सीमित नहीं रहना चाहिए। किसानों और वैज्ञानिकों के बीच संवाद बढ़ाने के लिए ‘मॉडर्न कृषि चौपाल’ नामक एक टेलीविजन कार्यक्रम लॉन्च किया गया है। यह कार्यक्रम डीडी किसान चैनल पर प्रसारित होता है और किसानों, शोधकर्ताओं, और वैज्ञानिकों के बीच विचारों के आदान-प्रदान का मंच प्रदान करता है।

स्थानीय भाषाओं में कृषि ज्ञान साझा करने पर जोर

कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र से संबंधित जानकारी केवल अंग्रेजी भाषा तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। इसे विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित किया जाना चाहिए ताकि प्रयोगशाला और खेतों के बीच की दूरी को कम किया जा सके।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

Advertisement8
Advertisement

www.en.krishakjagat.org

Advertisements
Advertisement5
Advertisement