भारत में पहली डिजिटल समुद्री मत्स्य पालन जनगणना शुरू, एप-ड्रोन से जुटाया जाएगा सामाजिक-आर्थिक डेटा
01 नवंबर 2025, नई दिल्ली: भारत में पहली डिजिटल समुद्री मत्स्य पालन जनगणना शुरू, एप-ड्रोन से जुटाया जाएगा सामाजिक-आर्थिक डेटा – केंद्र सरकार ने मछुआरा समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए समुद्री मत्स्य जनगणना 2025 (Marine Fisheries Census 2025) का शुभारंभ किया है। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने इसे कोच्चि में लॉन्च किया। यह देश की पहली ऐसी समुद्री मत्स्य जनगणना है, जो 100 फीसदी डिजिटल और पेपरलेस होगी। इसका मुख्य उद्देश्य हर मछुआरे परिवार का सटीक, विस्तृत और भू-संदर्भित डाटाबेस तैयार करना है, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पात्र मछुआरों तक पहुँच सके।
पिछली मत्स्य जनगणनाओं (2005, 2010 और 2016) से अलग, इस बार लगभग 12 लाख मछुआरा परिवारों की जानकारी मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से इकट्ठा की जाएगी। यह प्रक्रिया 3 नवंबर से 18 दिसंबर तक चलेगी।
डिजिटल एप से होगी घर-घर जानकारी
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान ने इस जनगणना के लिए दो एंड्रॉइड एप विकसित किए हैं। VYAS-BHARAT एप के जरिए मछुआरों और उनके परिवारों की जानकारी घर-घर जाकर दर्ज की जाएगी, जबकि VYAS-SUTRA एप का उपयोग रीयल-टाइम निगरानी और सुपरविजन के लिए किया जाएगा। इससे डेटा समय पर और सही तरीके से जमा होगा और हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
मछुआरों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति भी होगी दर्ज
इस जनगणना का दायरा केवल मछुआरों की संख्या तक सीमित नहीं है। पहली बार, मछुआरा परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति से जुड़ी जानकारियां भी जुटाई जाएंगी। इसमें शामिल हैं परिवार की कुल आमदनी, घर का मालिकाना हक, बकाया कर्ज, बीमा की स्थिति, कोविड-19 महामारी का प्रभाव और प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना जैसी योजनाओं से लाभ। यह डेटा भविष्य में मछुआरों के लिए नई योजनाओं के निर्माण में सहायक होगा।
ड्रोन तकनीक से नावों की हवाई गिनती
जनगणना की सटीकता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए इस बार ड्रोन तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है। प्रमुख बंदरगाहों जैसे विजाग, काकीनाडा, तूतीकोरिन, मंगलुरु, बेयपोर और पुथियप्पा में ट्रॉल बैन के दौरान ड्रोन की मदद से मछली पकड़ने वाली नावों की हवाई गिनती की गई। यह आंकड़े जमीनी डाटा की पुष्टि में मदद करेंगे।
केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने इस अवसर पर कहा कि सरकार मछुआरों के लिए ट्रांसपोंडर और टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस जैसे वैज्ञानिक उपकरण मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। उन्होंने सभी मछुआरों से राष्ट्रीय मत्स्य विकास पोर्टल (NFDP) पर पंजीकरण करने की भी अपील की, ताकि वे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें।
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