समस्या – समाधान (Farming Solution)

बीजोपचार के लिये ट्रायकोडर्मा का उपयोग

  • प्रकाश चंद्र गुप्ता, सागर

21 जून 2021, भोपाल ।  क्या बीजोपचार के लिये ट्रायकोडर्मा का उपयोग भी लाभकारी है?  –

समाधान – वर्तमान में ट्राईकोडर्मा विरडी का उल्लेख एवं अंगीकरण गति पकडऩे लगा है। वास्तविकता यह है कि ट्राईकोडर्मा द्वारा बीज के उपचार से एक से अधिक लाभ हैं। जैसे बीज की बाहरी सतह पर रहने वाली फफूंदी तो समाप्त होती ही है साथ में अच्छे अंकुरण के बाद भूमिगत फफूंदी पर भी इसका अच्छा असर होता है। इससे उपचार के लिये निम्न करें।

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  • 1 किलो बीज में 3 ग्राम ट्राईकोडर्मा विरडी दवा डालकर बीज को अच्छी तरह हिला-डुलाकर उपचारित करें।
  • इसके लिए मिट्टी के खाली घड़े का भी उपयोग किया जा सकता है।
  • खेत में बुआई पूर्व 100 ग्राम दवा 50 किलो गोबर खाद में मिलाकर खेत में बिखेर कर मिट्टी में मिला दें।
  • यह उपचार भूमिगत फफूंदी पर नियंत्रण रखेगा।

ट्राइकोडर्मा मित्र फफूंद से भूमि से आए रोग मिटाएं

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