फसल की खेती (Crop Cultivation)

आम में एन्थ्रेक्नोज और पाउडरी मिल्ड्यू नियंत्रण के लिए Azoxystrobin 23% SC का उपयोग

16 मई 2025, नई दिल्ली: आम में एन्थ्रेक्नोज और पाउडरी मिल्ड्यू नियंत्रण के लिए Azoxystrobin 23% SC का उपयोग – भारत में आम को ‘फलों का राजा’ कहा जाता है, और यह न केवल देश के किसानों के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक बाजार में भी इसकी विशिष्ट मांग है। हालांकि, आम की फसल कई रोगों से प्रभावित होती है जिनमें एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose) और पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew) प्रमुख हैं। इन रोगों के कारण उत्पादन और गुणवत्ता में भारी गिरावट आ सकती है। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए Azoxystrobin 23% SC एक प्रभावी और वैज्ञानिक रूप से स्वीकृत फफूंदनाशी (fungicide) है, जिसे केंद्रीय कीटनाशी बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया है।

Azoxystrobin एक स्ट्रोबिलुरिन वर्ग का फफूंदनाशी है, जो कवकों के ऊर्जा उत्पादन को बाधित करता है और इस प्रकार रोग को नियंत्रित करता है। यह प्रणालीगत (systemic) प्रकृति का होता है, जिसका अर्थ है कि यह पौधों में तेजी से फैलकर सुरक्षा प्रदान करता है। आम में जब एन्थ्रेक्नोज और पाउडरी मिल्ड्यू के शुरुआती लक्षण दिखाई देने लगते हैं, तो इस फफूंदनाशी का समय पर छिड़काव अत्यंत प्रभावी होता है।

प्रयोग की विधि की बात करें तो Azoxystrobin 23% SC को 0.025% सक्रिय घटक (a.i.) के रूप में उपयोग किया जाता है, जो फॉर्म्युलेशन के रूप में 0.1% या 100 मिलीलीटर प्रति 100 लीटर पानी में घोलकर तैयार किया जाता है। इसका छिड़काव पेड़ के आकार के अनुसार 100 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर की दर से किया जाता है। चूंकि यह एक संपर्क और प्रणालीगत दोनों प्रकार का फफूंदनाशी है, इसलिए यह फलों, पत्तियों और तनों पर प्रभावी रूप से काम करता है।

किसानों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि अंतिम छिड़काव और फसल की कटाई के बीच कम से कम 5 दिनों का प्रतीक्षा काल (waiting period) अवश्य रखें। इससे यह सुनिश्चित होता है कि फलों में रसायन के अवशेष सुरक्षित सीमा के भीतर हों और मानव उपभोग के लिए उपयुक्त बने रहें।

Azoxystrobin का उपयोग तब और प्रभावी होता है जब इसे रोग के शुरुआती चरण में ही उपयोग किया जाए। यह रोग की तीव्रता को कम करता है, फलों की गुणवत्ता बनाए रखता है, और उत्पादन में गिरावट को रोकता है। इसके अलावा यह फसल की हरियाली और चमक में भी सुधार करता है, जिससे बाजार मूल्य बेहतर मिलता है।

सरकार और कृषि अनुसंधान संस्थानों द्वारा अनुमोदित इस रसायन का उचित मात्रा में और समय पर उपयोग किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इसकी उपयोगिता, सुरक्षा और प्रभावशीलता इसे आम के रोग प्रबंधन कार्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा बनाती है।

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